________________
१२९०
भगवती सूत्र श. ८ उ. २ आशीविष
कर सकता है । यह उसका सामर्थ्य मात्र है, किन्तु सम्प्राप्ति द्वारा उसने ऐसा कभी किया नहीं, करता नहीं और करेगा भी नहीं ।
मनुष्य जाति - आशीविष, समय क्षेत्र प्रमाण ( मनुष्य-क्षेत्र प्रमाण - अढ़ाई द्वीप प्रमाण ) शरीर को अपने विष द्वारा व्याप्त कर सकता है । किन्तु यह उसका सामर्थ्य मात्र है । सम्प्राप्ति द्वारा उसने कभी ऐसा किया नहीं, करता नहीं और करेगा भी नहीं ।
५ प्रश्न – जड़ कम्मआसीविसे किं णेरहयकम्मआसी विसे, तिरिक्खजोणिय कम्मआसीविसे, मणुस्तकम्मआसीविसे, देवकम्मासीविसे ?
५ उत्तर - गोयमा ! णो णेरइयकम्मासीविसे, तिरिक्खजोणियकम्मासीविसे वि, मणुस्तकम्मासीवि से वि, देवकम्मासीविसे वि ।
६ प्रश्न - जइतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे किं एगिंदियतिरिक्खजोणिय कम्मासीविसे, जाव पंचिंदियतिरिक्ख जोणियकम्मासीविने ?
६ उत्तर - गोयमा ! णो एगिंदियतिरिक्खजोणिय कम्मासी विसे, 'जाव णो चउरिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, पंचिंदियतिरिक्खजोणिय कम्मासीविसे |
७ प्रश्न - जइ पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे किं संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिय कम्मासीविसे, गव्भवक्कंतियपंचिंदियतिरिक्ख'जोणियकम्मासीविसे ?
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org