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भगवती सूत्र - श. ८ उ. १ तीन द्रव्यों के परिणाम
दारिक शरीर का प्रयोग-परिणत आदि सात पद हैं इनके असंयोगी सात मंग होते हैं और द्विक संयोगी इक्कीस मंग होते हैं । इस प्रकार एक पद के अट्ठाईस भंग होते हैं । सातों पदों के कुल १९६ ( २८७ = १९६ ) भंग होते हैं । प्रयोग-परिणत के दो द्रव्यों के कुल बारह सौ चार भंग होते हैं ।
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जिस प्रकार प्रयोग- परिणत दो द्रव्यों के भंग कहे गये हैं, उसी प्रकार मिश्र-परिणत दो द्रव्यों के भी कहना चाहिये ।
· जिस रीति से प्रयोग - परिणत दो द्रव्यों के भंग कहे गये हैं, उसी रीति से विस्रसापरिणत दो द्रव्यों के वर्ण, गन्ध, रस, स्पर्श और संस्थान के असंयोगी और द्विक संयोगी भंग भी यथायोग्य समझ लेना चाहिए ।
तीन द्रव्यों के परिणाम
६४ प्रश्न - तिणि भंते ! दव्वा किं पओगपरिणया, मीसापरिणया, वीससापरिणया ?
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६४ उत्तर - गोयमा ! ओगपरिणया वा, मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा; अहवा एगे पओगपरिणए दो मीसापरिणया, अहवा एगे पओगपरिणए दो वीससापरिणया, अहवा दो पओगपरिणया एगे मीससापरिणए, अहवा दो पओगपरिणया एगे वीससा - परिणए, अहवा एगे मीसापरिणए दो वीससापरिणया, अहवा दो मीससापरिणया एगे वीससापरिणए, अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसा परिणए एगे वीससापरिणए ।
६५ प्रश्न - जइ पओगपरिणया किं मणप्पओगपरिणया, वयप्प
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