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________________ .... ........भगवती सूत्र-श. ८ उ. १ दो द्रव्यों के परिणाम १२७९ ६१ प्रश्न-जइ सच्चमणप्पओगपरिणया किं आरंभसचमणप्पओगपरिणया, जाव असमारंभमन्चमणप्पओगपरिणया ? ६१ उत्तर-गोयमा ! आरंभसच्चमणप्पओगपरिणया वा, जाव असमारंभमचमणप्पओगपरिणया वा; अहवा एगे आरंभसञ्चमणप्पओगपरिणए एगे. अणारंभसचमणप्पओगपरिणए । एवं एएणं गमेणं दुयासंजोएणं णेयव्वं, सब्वे संजोगा जत्थ जत्तिया उठेति ते भाणियव्वा, जाव सम्वट्ठसिद्धगत्ति। , ६२ प्रश्न-जइ मीसापरिणया कि मणमोसोपरिणया० ? ___६२ उत्तर-एवं मीसापरिणया वि। ६३ प्रश्न-जइ वीससापरिणया किं वण्णपरिणया गंधपरिणया०? ६३ उत्तर-एवं वीससापरिणया वि, जाव अहवा एगे चउरंससंठाणपरिणए, एगे आययमंठाणपरिणए वा । .. कठिन शब्दार्थ-जत्तिया-जितने, उर्केति-उठते हैं-पैदा होते हैं । भावार्थ-६१ प्रश्न हे भगवन् ! यदि वे दो द्रव्य सत्यमनःप्रयोग-परिणत होते हैं तो क्या आरंभ सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते हैं, या अनारम्भ सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते हैं या सारम्भ (संरम्भ) सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते हैं, या असारम्भ सत्यमनःप्रयोग-परिणत होते हैं, या समारम्भ सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते है, या असमारम्भ सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते है ? ६१ उत्तर-हे गौतम ! (१-६) वे दो द्रव्य आरम्भ सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते हैं, अथवा यावत् असमारम्भ सत्यमनः प्रयोग-परिणत होते हैं, अथवा एक द्रव्य आरम्म सत्यमनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा अनारम्भ सत्यमनः Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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