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________________ १२७८ भगवती सूत्र-श. ८ उ..१ दो द्रव्यों के परिणाम दूसरा द्रव्य विनसा परिणत होता है। अथवा एक द्रव्य मिश्र परिणत होता है। और दूसरा विनसा परिणत होता है। ५९ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वे दो द्रव्य प्रयोग-परिणत होते हैं, तो क्या मनःप्रयोग-परिणत होते है, या वचन प्रयोग-परिणत होते हैं, या काय-प्रयोग परिणत होते है ? . ५९ उत्तर-हे गौतम ! (१) वे दो द्रव्य मनःप्रयोग-परिणत होते हैं, (२) या वचन-प्रयोग परिणत होते है, (३) या काय-प्रयोग-परिणत होते हैं, अथवा उनमें से एक द्रव्य (४) मनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा वचनप्रयोग-परिणत होता है । अथवा (५) एक द्रव्य मनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा काय-प्रयोग-परिणत होता है । अथवा (६) एक द्रव्य वचन-प्रयोग-परिणत होता है और दूसरा काय-प्रयोग-परिणत होता है। - ६० प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वे दो द्रव्य मनःप्रयोग-परिणत होते हैं, तो क्या सत्य मनःप्रयोग-परिणत होते हैं, या असत्य मनःप्रयोग-परिणत होते हैं, या सत्यमषा मनःप्रयोग-परिणत होते हैं, या असत्यामृषा मनःप्रयोग-परिणत होते हैं। ६० उत्तर-हे गौतम ! (१-४) वे सत्य मनःप्रयोग-परिणत होते हैं. अथवा यावत् असत्यामृषा मनःप्रयोग-परिणत होते है । अथवा (५) उनमें से एक द्रव्य सत्य मनःप्रयोग-परिणत होता हैं और दूसरा मृषा मनःप्रयोग-परिणत होता है । अथवा (६) एक द्रव्य सत्य मनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा सत्यमषा मनःप्रयोग-परिणत होता है । अथवा (७) एक द्रव्य सत्य मनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा असत्यामृषा मनःप्रयोग-परिणत होता है । अथवा (८) एक द्रव्य मृषा मनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा सत्यमृषा मनःप्रयोग-परिणत होता है । अथवा (९) एक द्रव्य मषा मनःप्रयोग-परिणत होता है और दूसरा असत्यामषा मनःप्रयोग-परिणत होता है । अथवा (१०) एक द्रव्य सत्यमषा मनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा असत्यामृषा मनःप्रयोग-परिणत होता है। . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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