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भगवती सू-श. ८ उ. १ एक द्रव्य परिणाम
३७ उत्तर-हे गौतम ! वह सूक्ष्म पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय औदारिक-शरीर काय-प्रयोग परिणत होता है । अथवा बादर पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय औदारिक. शरीर काय-प्रयोग परिणत होता है।
३८ प्रश्न-हे भगवन् ! जो एक द्रव्य सूक्ष्म पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय औदारिक-शरीर काय-प्रयोग परिणत होता है, तो क्या पर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक एकेद्रिय औदारिक-शरीर काय-प्रयोग-परिणत होता है, या अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वी. कायिक एकेन्द्रिय औदारिक-शरीर काय-प्रयोग-परिणत होता है ?
३८ उत्तर-हे गौतम ! वह पर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय औदारिक-शरीर काय प्रयोग-परिणत होता है, या अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक एकेंद्रिय
औदारिक-शरीर काय-प्रयोग-परिणत होता है । इसी प्रकार बादर पृथ्वीकायिक के विषय में भी जानना चाहिये । इसी प्रकार यावत् वनस्पतिकायिक तक सभी के चार चार भेद (सूक्ष्म, बादर, पर्याप्त और अपर्याप्त) के विषय में जानना चाहिये । इसी प्रकार बेइंद्रिय तेइंद्रिय और चौइंद्रिय के दो दो भेद (पर्याप्त और अपर्याप्त) के विषय में कहना चाहिये।
___३९ प्रश्न-जइ पंचिंदियओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए किं तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए, मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए ?
. ३९ उत्तर-गोयमा ! तिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा, मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए वा।
४० प्रश्न-जइ तिरिक्खजोणिय जाव परिणए किं जलयरतिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा, थलयर-खहयर जाव परिणए वा? .
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