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________________ भगवती सूत्र-श. ८ उ. १ एक द्रव्य परिणाम ४० उत्तर-एवं चउक्कओ भेओ, जाव खहयराणं । ४१ प्रश्न-जइ मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए किं समुच्छिममणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए, गम्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए ? - ४१ उत्तर-गोयमा ! दोसु वि । • ४२ प्रश्न-जइ गम्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए किं पजत्त. गम्भववकंतिय जाव परिणए, अपज्जत्तगम्भवक्कंतियमणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए ? - ४२ उत्तर-गोयमा ! पजत्तगब्भववतिय जाव परिणए वा, अपजत्तगब्भवक्कंतिय जाव परिणए वा । ४३ प्रश्न-जइ ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए किं. एगिदियओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए, बेइंदिय जाव परिगए, जाव पंचिंदियओरालिय जाव परिणए ? ४३ उत्तर-गोयमा ! एगिदियओरोलिय एवं जहा ओरालियसरोरकायप्पयोगपरिणएणं आलावगो भणिओ, तहा ओरालियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणएण वि आलावगो भाणियव्वो; णवर बायरवाउकाइय-गम्भवक्कंतिय-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिय गम्भवतियमणुस्साणं एएसिणं पजत्तापजत्तगाणं, सेसाणं अपजत्तगाणं । . भावार्थ-३९ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि एक द्रव्य पञ्चेन्द्रिय औदारिक शरीर काय-प्रयोग-परिणत होता है, तो क्या तिथंच योनि पंचेन्द्रिय औदारिक शरीर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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