SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 149
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२१२ भगवती सूत्र - श. ७ उ. ९ रथमूमल मंग्राम । कहिं गए, कहिं उववण्णे ? १४ उत्तर-गोयमा ! सोहम्मे कप्पे, अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाइ ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं वरुणस्स वि देवस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णता । से णं भंते ! वरुणे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं, भवक्खएणं, ठिक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति, जाव अंतं करेहिति । १५ प्रश्न-वरुणस्स णं भंते ! णागणत्तुयस्स पियवालवयंसए कालमासे कालं किच्चा कहिं गए, कहिं उबवण्णे ? .. १५ उत्तर-गोयमा ! सुकुले पञ्चायाए । १६ प्रश्न-से णं भंते ! तओहिंतो अणंतरं उब्वद्वित्ता कहिं गच्छिहिति, कहिं उववजिहिति ? ___ १६ उत्तर-गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति, जाव अंतं काहिति। * सेवं भंते ! मेवं भंते ! त्ति ॥ सत्तमसयस्स णवमओ उद्देसओ सम्मत्तो । १४ प्रश्न-हे भगवन् ! वरुण-नागनत्तुआ काल के समय में काल करके । कहाँ गया, कहाँ उत्पन्न हुआ ? . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy