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भगवती सूत्र-श. ५ उ. ९ प्रकाश और अन्धकार
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अन्धकार होता है।
६ प्रश्न-हे भगवन ! इसका क्या कारण है ?
६ उत्तर-हे गौतम ! नरयिक जीवों के अशुभ पुद्गल और अशुभपुद्गल परिणाम होता है । इसलिए उनमें उद्योत नहीं, किन्तु अन्धकार होता है ।
७ प्रश्न-असुरकुमाराणं भंते ! किं उज्जोए, अधयारे ? ७ उत्तर-गोयमा ! असुरकुमाराणं उज्जोए, णो अंधयारे । ८ प्रश्न-से केणटेणं ?
८ उत्तर-गोयमा ! असुरकुमाराणं सुभा पोग्गला, सुभे पोग्गलपरिणामे से तेणटेणं जाव-एवं वुच्चइ, जाव-थणियाणं ।
-पुढविकाइया जाव-तेइंदिया जहा णेरइया । ९ प्रश्न-चरिंदियाणं भंते ! किं उज्जोए, अंधयारे ?
९ उत्तर-गोयमा ! उज्जोए वि, अंधयारे वि । . . १० प्रश्न-से केणटेणं ?
१० उत्तर-गोयमा ! चरिंदियाणं सुभा-ऽसुभा य पोग्गला, सुभा-ऽसुभे य पोग्गलपरिणामे से तेणटेणं एवं जाव-मणुस्साणं । ___-वाणमंतर-जोइस-वेमाणिया जहा असुरकुमारा।
भावार्थ-७ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या असुरकुमार देवों के उद्योत होता है, या अन्धकार होता है ? |
७ उत्तर-हे गौतम ! असुरकुमार देवों के उद्योत है, किन्तु अन्धकार नहीं है।
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