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भगवती सूत्र- श. ५ उ. ७ परमाणु पुद्गलादि की स्पर्शना
११ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या त्रिप्रदेशी स्कन्ध सार्ध, समध्य और सप्रदेश है ? अथवा अनर्द्ध, अमध्य और अप्रदेश है ? .
११ उत्तर-हे गौतम ! त्रिप्रदेशी स्कन्ध अनर्द्ध है। समध्य है और सप्रदेशी है। किन्तु सार्ध नहीं है, अमध्य नहीं है और अप्रदेश नहीं है। जिस प्रकार द्विप्रदेशी स्कन्ध के विषय में सार्ध आदि विभाग बतलाये गये हैं। उसी तरह समसंख्या (बेकी-दो की संख्या) वाले स्कन्धों के विषय में कहना चाहिये। जिस प्रकार त्रिप्रदेशी स्कन्ध के विषय में कहा गया है, उसी तरह विषम संख्या (एकी संख्या) वाले स्कन्धों के विषय में कहना चाहिये। .
१२ प्रश्न-हे भगवन् ! क्या संख्यातप्रदेशी स्कन्ध सार्ध, समध्य और सप्रदेश है, अथवा अनी, अमध्य और अप्रदेश है ?
१२ उत्तर-हे गौतम ! कदाचित् सार्ध होता है, अमध्य होता है और सप्रदेश होता है । कदाचित् अनर्द्ध होता है, समध्य होता है और सप्रदेश होता है। जिस प्रकार संख्यात प्रदेशी स्कन्ध के विषय में कहा गया है, उसी प्रकार असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध और अनन्तप्रदेशी स्कन्ध के विषय में भी जान लेना चाहिये।
. विवेचन-दो, चार, छह, आठ इत्यादि संख्यावाले प्रदेश, सम संख्या वाले. प्रदेशी स्कन्ध कहलाते हैं । वे स्कन्ध, सार्ध (अर्ध सहित) होते हैं । तीन, पांच, सात इत्यादि संख्या वाले प्रदेश, विषम संख्या वाले प्रदेशी स्कन्ध कहलाते हैं । वे स्कन्ध समध्य (मध्य भाग सहित) होते हैं । संख्यात प्रदेशी स्कन्ध, असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध और अनन्त प्रदेशी स्कन्ध, समप्रदेशिक (सम संख्यावाले प्रदेश युक्त) होते हैं और विषम प्रदेशिक (विषम संख्या वाले प्रदेश युक्त) भी होते हैं । जो सम प्रदेशिक होते हैं, वे सार्ध और अमध्य होते हैं । जो विषम प्रदेशी होते हैं, वे समध्य और अनद्धं (अर्ध भाग रहित) होते हैं।
परमाणु पुद्गलादि को स्पर्शना १३ प्रश्न-परमाणुपोग्गले गं भंते ! परमाणुपोग्गलं फुसमाणे
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