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भगवती सूत्र-श. ५ उ. २ वायु का स्वरूप
इसका कारण यह है कि वायु के द्रव्यों का सामर्थ्य इसी प्रकार का है और वेला का स्वभाव भी इसी प्रकार का है। तात्पर्य यह है कि वायु के द्रव्यों का सामर्थ्य, वेला को उल्लंघन नहीं कराने का है और वेला का स्वभाव भी इसी प्रकार का है ।
वायु का स्वरूप
८ प्रश्न-अस्थि णं भंते ! ईसिंपुरेवाया, पच्छा वाया, मंदा वाया महावाया वायंति ?
८ उत्तर-हंता, अस्थि । ९ प्रश्न-कया णं भंते ! ईसिंपुरेवाया जाव-वायंति ?
९ उत्तर-गोयमा ! जया णं वाउयाए अहारियं रियंति, तया णं ईसिंपुरवाया जाव-वायति ।
१० प्रश्न-अस्थि णं भंते ! ईसिंपुरवाया ? १० उत्तर-हंता, अत्थि । ११ प्रश्न-कया णं भंते ! ईसिंपुरेवाया ?
११ उत्तर-गोयमा ! जया णं वाउयाए उत्तरकिरियं रियइ, तया. णं ईसिंपुरेवाया जाव-वायति ।
१२ प्रश्न-अत्थि णं भंते ! ईसिंपुरवाया ?
१२ उत्तर-हंता, अत्थि। __ १३ प्रश्न-कया णं भंते ! ईसिंपुरवाया, पच्छा वाया ?
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