SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 125
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र - श ३ उ. २ इन्द्र की ऊर्ध्वादि गति २९ प्रश्न - एयस्स णं भंते! वज्जस्स, वज्जाहिवइस्स, चमरस्स य, असुरिंदरस असुररण्णो उवयणकालस्स य, उप्पयणकालस्स य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा, बहुआ वा, तुल्ला वा, विसेसाहिया वा ? २९ उत्तर - गोयमा ! सक्क्स्स य उप्पयणकाले, चमरस्स य उवयणकाले, एए णं दोणि वि तुल्ला सव्वत्थोवा, सकस्स य उव यणकाले, वज्जरस य उप्पयणकाले एस णं दोण्ह वि तुल्ले संखेज्ज - गुणे, चमरस्य उपयणकाले, वज्जस्स य उवयणकाले एस णं दोन्ह वितुल्ले विसेसाहिए । ६४२ कठिन शब्दार्थ - उवयणकाले – अवपतनकाल - नीचे जाने का समय, उप्पयणकाले- उत्पतनकाल - ऊपर जाने का समय । भावार्थ - २७ प्रश्न - हे भगवन् ! देवेन्द्र देवराज शक्र का नीचे जाने का काल और ऊपर जाने का काल इन दोनों कालों में से कौन सा काल, किस . काल से अल्प है, बहुत है, तुल्य है या विशेषाधिक है ? २७ उत्तर - हे गौतम ! देवेन्द्र देवराज शक्र का ऊपर जाने का काल सब से थोड़ा हे और नीचे जाने का काल संख्येघ गुणा है । चमरेन्द्र का कथन भी शक्रेन्द्र के समान ही जानना चाहिए, किन्तु इतनी विशेषता है कि चमरेन्द्र का नीचे जाने का काल सब से थोड़ा है और ऊपर जाने का काल संख्येय गुणा 1 २८ प्रश्न - हे भगवन् ! वज्र का नीचे जाने का काल और ऊपर जाने काल, इन दोनों कालों में से कौनसा काल अल्प यावत् विशेषाधिक है ? २८ उत्तर - हे गौतम ! वज्र का ऊपर जाने का काल सब से थोड़ा है, नीचे जाने का काल उससे विशेषाधिक है । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy