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________________ ( २० ) नेत्रांजन प्रथम भाग अनुक्रमणिका. १० आवश्यक (२) स्थापना निक्षेप सूत्रपाठ, उनका अर्थ, और उनके तात्पर्यका स्वरूप १८ ११ आवश्यक (३) द्रव्य निक्षेप सूत्रपाठ, उनका अर्थ, और उनके तात्पर्य का स्वरूप १२ आवश्यक (४) भाव निक्षेप सूत्रपाठ, उनका अर्थ, और उनके तात्पर्यका स्वरूप २४ १३ ढूंढनीजीके - मनः कल्पित, चार निक्षेपका लक्षण१४ आवश्यक ( १ ) नाम निक्षेप सूत्रपाठ, अर्थ सहित, इंदनीजीके तरफका - ११ आवश्यक (२) स्थापना निक्षेप सूत्रपाठ, अर्थ सहित, ढूंढनीजी के तरफका - १७ आवश्यक (४) भाव निक्षेप, मूलविनाका त्रुटक स्वरूप अर्थ पाठ, ढूंढेनोजाका १६ आवश्यक (३) द्रव्य निक्षेप सूत्र पाठ, उनका अर्थ, नयोंका विचार सहित, ढूंढनीजीका - २९ २० पूर्वोक्तकी रीति प्रमाणे- दोनों पाठोंका मेलसें, (३) द्रव्यनिक्षेप में, विपरतिपणेकी, समीक्षा २६ Jain Education International २७ For Personal & Private Use Only २८ १८ सूत्रपाठ, और ढूंढनीजीका कल्पित लक्षण, इन दोनोंका मेलसे, (१) नाम निक्षेपमें, विपरीतपणेकी, समीक्षा - ११ १९ नाम निक्षेपकी तरां - दोनों पाठोंका मेलसे, (२) स्थापना निक्षेपमें विपरीतपणे की, समक्षा ३० ३३ ३४ www.jainelibrary.org
SR No.004084
Book TitleDhundhak Hriday Netranjan athwa Satyartha Chandrodayastakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Dagdusa Patni
PublisherRatanchand Dagdusa Patni
Publication Year1909
Total Pages448
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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