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१४ | जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन
लेकिन सभी की अन्तःप्रज्ञा इतनी विकसित नहीं होती कि वे परिस्थितियों का सही विश्लेषण करके सही निर्णय ले सकें। समाज में ऐसे सामान्य व्यक्तियों की संख्या ही अधिक है। ये सामान्य व्यक्ति कुछ अन्तःप्रज्ञा से, कुछ अपने अनुभव से, कुछ शास्त्र के ज्ञान से और कुछ गुरु के निर्देशन से निर्णय लेने में सक्षम हो पाते हैं ।
इसलिए निर्णय के आधारभूत तत्त्वों और मानदण्डों का ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है । इस ज्ञान से उसकी निर्णय क्षमता जागृत होती है और बढ़ती है । इस प्रक्रिया में नीतिशास्त्र का अध्ययन बहुत ही लाभप्रद और उपयोगी है। यह मनुष्य को सही समय पर सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। जीवन में सफलता के लिए नीतिशास्त्र का ज्ञान आवश्यक
जो मनुष्य सही समय पर सही निर्णय लेकर और उसे सही ढंग से . अमल में ले आते हैं (Right decision at right time and right execution) वे जीवन यात्रा में सफल होते हैं, उनका जीवन यशस्वी होता है ।
वस्तुतः नीतिशास्त्र एक विचारशीलता है, पारस्परिक व्यवहारों का आधार है । व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक, राष्ट्रीय जीवन में जो परस्पर व्यवहार होते हैं, उनके कुछ निश्चित मानदण्ड होते हैं। उन मानदण्डों के आधार पर ही उचित-अनुचित का निर्णय एवं करणीय कार्यों का भी निश्चय होता है और इन मानदण्डों को निश्चित करने का कार्य नीतिशास्त्र करता है।
___ अतः जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए नीतिशास्त्र का ज्ञान आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है।
१. सह सम्मुइयाए, पर वागरणेण
-आचारांग १, १
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