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________________ ४०८ | जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन अधिकारों की गणना की जा सकती है । किन्तु नैतिक स्वतन्त्रता में आर्थिक नागरिक, राजनैतिक सभी प्रकार की स्वतन्त्रताएँ समाहित हैं । नैतिक दृष्टि से स्वतन्त्रता के कर्तव्य में किसी व्यक्ति का आर्थिक, सामाजिक शोषण करना, अनुचित दवाब ( pressure ) डालना आदि सभी ऐसे कार्य निषिद्ध हैं, जिनसे व्यक्ति की किसी भी प्रकार की उन्नति और उसकी सदिच्छा में बाधा पड़े । इस सन्दर्भ में काण्ट का नैतिक सूत्र है - "मनुष्यत्व को अपने तथा दूसरे के अन्दर सदैव साधन समझो, साध्य नहीं । "" इस सूत्र का अभिप्राय है कि मनुष्य को हाथों का खिलौना बनाना, उस पर सीमा से अधिक दवाब डालना, उसकी सदिच्छाओं को पूरा होने देना, अभिव्यक्ति में बाधक बनना आदि बातें अनैतिक हैं । न अतः व्यक्ति को न तो स्वयं ही किसी अन्य व्यक्ति का साधन (puppet of other's will) बनना चाहिए और न किसी अन्य व्यक्ति को ही अपने हितों का साधन बनाना चाहिए । यह नीतिशास्त्र के अनुसार स्वतन्त्रता के सम्मान का कर्तव्य है । जैन नीति के अनुसार भी किसी अन्य व्यक्ति की, यहां तक कि प्राणी मात्र की, किंचित भी स्वतन्त्रता का हनन हिंसा में परिगणित किया गया है । आवश्यक सूत्र में दस प्रकार की हिंसाएँ बताई हैं प्राणी अथवा प्राणियों को - १. सामने से आते हुओं को रोकना, २. परस्पर मसलना, ३. इकट्ठा करना, ४ कठोरतापूर्वक पकड़ना - छूना, ५. परितापना देना, (६) थकाना ( ७ ) हैरान करना ( ८ ) संघठ्ठा करना ६. उनका स्थान बदलना और (१० प्राणरहित करना | 2 1 यह सभी नीतिशास्त्र की शब्दावली में दूसरों की स्वतन्त्रता के में परिगणित करने योग्य हैं । हनन इनके अतिरिक्त छविच्छेद, अतिभार और भक्तपानविच्छेद जो अहिंसाणुव्रत के अतिचार हैं, उनमें छविच्छेद के अन्तर्गत किसी की आजीविका का सम्पूर्ण छेद करना, उचित पारिश्रमिक से कम देना आदि भी सम्मिलित किये गये हैं । इसी प्रकार कर्मचारी की शक्ति से अधिक काम १. उद्धृत, जे. एन. सिन्हा : नीतिशास्त्र, पृ० २७३ २. आवश्यक सूत्रान्तर्गत आलोचना सूत्र Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004083
Book TitleJain Nitishastra Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1988
Total Pages556
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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