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________________ सम्यगदर्शन का स्वरूप और नैतिक जीवन पर उसका प्रभाव | २०७ (६) संक्षेप रुचि-जो आर्हत प्रवचन में प्रवीण नहीं है, साथ ही जिस ने अयथार्थ दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं किया, कदाग्रही भी नहीं है, अल्पबोध से हो जो जीवादि तत्वों पर श्रद्धा रखता है, ऐसे व्यक्ति की श्रद्धा संक्षेप रुचि है । अथवा अल्पज्ञान से ही तत्त्वों पर यथार्थ श्रद्धा रखना संक्षेप रुचि है। (१०) धर्म रुचि-वीतराग भगवान द्वारा कहे हुए अस्तिकाय-छह द्रव्य के गुणधर्म तथा श्रुत और चारित्र धर्म में श्रद्धा करना धर्मरुचि है। सम्यक्त्व का पंचविध वर्गीकरण सम्यक्त्व का पाँच प्रकार से वर्गीकरण कर्म प्रकृतियों के आधार पर किया गया है। इनमें कर्म प्रकृतियों के क्षय, उपशम, क्षयोपशम आदि की अपेक्षा से सम्यक्त्व का विचार प्रस्तुत हुआ है। (१) क्षायिक सम्यक्त्व- इस सम्यक्त्व की उपलब्धि उपर्युक्त वर्णित ७ कर्म प्रकृतियों (१-४) अनन्तानुबन्धी क्रोध, मान, माया, और लोभ (५) मिथ्यात्व, (६) सम्यक्मिथ्यात्व तथा(७) सम्यक्त्वमोह के संपूर्ण रूप से क्षयनष्ट हो जाने पर होती है । ऐसा सम्यग्दर्शन चिरस्थायी होता है, एक बार उत्पन्न हो जाने पर फिर कभी नष्ट नहीं होता और जीव अधिक से अधिक ३ अथवा ४ जन्म धारण करके मुक्त हो जाता है । (२) औपशमिक सम्यक्त्व-इस सम्यक्त्व की उपलब्धि उपर्युक्त ७ कर्म प्रकृतियों के उपशम से होती है । ___उपशम का अर्थ है, नीचे दब जाना; जैसे मिट्टी मिले पानी से भरे गिलास को यदि किसी स्थान पर स्थिर रखा जाय तो मिट्टी गिलास की तली में बैठ जाती है, और पानी स्वच्छ नजर आता है, और फिर जरा सा धक्का लगते ही मिट्टी उभर आती है तथा संपूर्ण पानी पुनः गंदला हो जाता है, वही स्थिति इस सम्यक्त्व की है। जब तक सातों कर्म प्रकृतियाँ उपशांत रहती है, तब तक तो सम्यक्त्व गुण प्रगट रहता है और जैसे ही कर्म प्रकृतियाँ उभरती हैं, सम्यक्त्व गुण भी मलिन होकर विलीन हो जाता है। इस सम्यक्त्व का अधिक से अधिक समय (कालमान)४८ मिनट है। उसके उपरान्त या तो जीव पतित होकर मिथ्यात्वी (अयथार्थ श्रद्धा वाला) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004083
Book TitleJain Nitishastra Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1988
Total Pages556
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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