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सम्पादकीय
एक बार किसी युवक ने प्रसिद्ध विचारक बैंजामिन फ्रेंकलिन से प्रश्न किया-जीवन में मानव का सच्चा साथी कौन है ?
फ्रेंकलिन ने युवक को ऊपर से नीचे तक देखा। वह कुछ निराश-सा लग रहा था, संभवतः संघर्ष और परिस्थितियों की विपरीतता ने उस युवक की जीवन-ऊर्जा को क्षीण बना दिया था।
___फ्रेंकलिन कुछ क्षण तक उस युवक को देखते रहे, फिर चिंतन की गहराई में उतरे और उतरकर उस युवक के कंधे पर आश्वासन भरा हाथ रखकर गम्भीर स्वर में बोले–युवक ! जीवन संघर्ष में विजय प्राप्त करने के लिए मनुष्य का सबसे बड़ा साथी है नीति । तुम इस पर पूरा भरोसा कर सकते हो।
वस्तुतः नीति मानव की सहायता जाने-अनजाने यत्र-तत्र-सर्वत्र करती रहती है । सुख में, दुःख में, किसी कठिनाई में, जटिल और विषम परिस्थिति में नीति ऐसा मार्ग सूझा ही देती है कि रास्ते में आया हुआ स्पीडव कर एक झटके के साथ हट जाता है और मानव की रुकी हुई गाड़ी फिर सरपट पटरियों पर दौड़ने लगती है।
किस परिस्थिति में किस प्रकार के निर्णय किये जायँ जो उचित भी हों, समाजमान्य भी हों और उन्नतिकारक भी हों, उन सिद्धांतों के संकलन को नीतिशास्त्र कहा जा सकता है।
इस नीतिशास्त्र में युग-युगों के अनुभवों का सार संचित होता है। इसीलिए यह शास्त्र और इसके सिद्धान्त सामान्य और सहज व्यवहार में भी मानव के लिए उपयोगी हैं।
1 The most reliable and dependable companion of a man is m orality, to get success in the struggle of life.
- Benzamin Franklin
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