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________________ नीतिशास्त्र के विवेच्य विषय | १०३ "ऐसा करने से क्या होगा और न करने से क्या होगा ? इस प्रकार मानसिक चिन्तन-मनन पूर्वक किसी कार्य को करने या न करने का निर्णय बुद्धिमान पुरुष करते हैं । " इस कथन में भी मूल्यांकन का विचार स्पष्ट हो रहा है । पश्चिमी जगत में जब अरस्तू ने मननशील जीवन (Contemplative life) को सर्वश्रेष्ठ जीवन कहा तो उसका अभिप्राय भी नैतिक मूल्यांकन अथवा मूल्यों की प्रतिष्ठा से था । आधुनिक पाश्चात्य नीति वैज्ञानिकों ने मूल्यों पर कुछ अधिक गहराई से चिन्तन किया है। उन्होंने मूल्यों को दो प्रकार का माना है(१) आन्तरिक या स्वतः प्रेरित ( Intrinsic ) और परतः प्रेरित (Extrinsic). ऐसा भी होता है कि एक ही वस्तु अथवा गुण, जैसे 'प्रसन्नता' में आन्तरिक और बाह्य - दोनों ही प्रकार के मूल्य होते हैं, साथ ही उसका स्वतन्त्र मूल्य भी होता है । मूल्यों के विषय में विभिन्न विचारधाराओं में मतभेद हैं । सुखवादी (Hedonists) सुख की प्रतीति को शुभ मूल्य मानते हैं और दुःख की प्रतीति को अशुभ | भौतिकवादी विचारधाराएँ वस्तुओं में मूल्य मानती हैं, जबकि अध्यात्मवादी आत्मा की अन्तर्मुखी परिणति / प्रवृत्तियों में । उनका कथन है, विभिन्न परिस्थितियों में एक वस्तु मूल्यवान होती है जब कि वही वस्तु अमूल्य हो जाती है । जैसे सर्दियों में गर्म कपड़ों का मूल्य होता है, किन्तु गर्मियों में नहीं । अध्यात्मशास्त्री सारे मूल्यों - शुभ (good ) और अशुभ ( evil ) को आध्यात्मिक मानते हैं और भौतिकवादी इन्हें (मूल्यों को) वस्तुओं में ही स्वीकार करने का आग्रह रखते हैं । निष्पक्ष एकतत्ववादी ( Neutral Monists) जगत को मूल्यशून्य मानते हैं । इसी प्रकार मूल्यों के मानदण्ड (Standards ) के बारे में भी विभिन्न विचारधाराओं के अपने-अपने विचार हैं । अतः पश्चिम के मनीषियों ने मूल्यों और अमूल्यों के परीक्षण के लिए एक नये मूल्य मीमांसा शास्त्र (Axiology) का ही निर्माण कर दिया और इसी शास्त्र के अनुसार नीतिशास्त्र के मूल्यों का शुभत्व, अशुभत्व, औचित्य, भोज प्रबन्ध २३ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004083
Book TitleJain Nitishastra Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1988
Total Pages556
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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