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नीतिशास्त्र की परिभाषा | ७५ (right) की व्युत्पत्ति लैटिन के शब्द (rectuh) से हुई है, जिसका अर्थ है, 'सीधा अथवा नियम के अनुसार' और (good) जर्मन शब्द (gut) का रूपान्तर है, जिसका अभिप्राय है-'परम शुभ के लिए उपयोगी।'
इस प्रकार मैकेन्जी की परिभाषा में दो तत्व हैं—नियम के अनुसार तथा परम शुभ के लिए उपयोगी। शुभ का प्रयोग साध्य के रूप में है और सत् का प्रयोग साधनों के रूप में । अभिप्राय यह है कि 'वह नियमानुसार आचरण जो परम शुभ की प्राप्ति में उपयोगी हो, नीतिशास्त्र का विषय है । इसे दूसरे शब्दों में नीतिशास्त्र का आधार भी कहा जा सकता है ।
यह परिभाषा व्यक्तिपरक भी है और समाजपरक भी।
उस परम शुभ को प्राप्त करने के लिए मैकियावेली मनुष्य में सद्गुणों का होना आवश्यक बताता है और “सद्गुणों को वह बुद्धि और शक्ति का समन्वित रूप मानता है ।"]
सेथ (Seth) नीतिशास्त्र को शुभ के विज्ञान के रूप में 'आदर्श' और 'चाहिए' का सर्वोत्कृष्ट विज्ञान मानता है ।
'शुभ' से सेथ का भी वही अभिप्राय है जो मैकेन्जी का है। वह भी शुभ को 'परम शुभ की प्राप्ति में उपयोगी' मानता है। 'आदर्श' और 'चाहिए' से उसका भी अभिप्राय निययानुकूल आचरण से है ।
वस्तुतः ये दोनों परिभाषाएँ समान अर्थ की द्योतक हैं । कान्ट (Kant) नियमवादी है । वह कहता है
"इस संसार के अन्दर और इससे बाहर भी, सदिच्छा को छोड़कर ऐसी कोई वस्तु नहीं है जिसे बिना किसी शर्त के, शुभ कहा जा सके।"3
1 Virtue.as intellect plus force.
-Machiavelly Cf. Gorgias, 491-the real virtues of a man are courage (andreia) and intelligence (phronesis).
___Quoted by-Will Durant : The Story of Philosophy p. 17 2 As the science of the Good, It is the science par-excellence of the 'Ideal' and the 'Ought'---
--Seth, J. A. : Sudy of Ethical Principles, p. 37 3 There is nothing in the world, or even out of it, that can be called good without qualification except a good-will.
-Kant
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