SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ षड्दर्शन समुच्चय, भाग-२ (७-६०७) क्रम विषय १२ वैशेषिक दर्शन -- देवता - तत्त्वमीमांसा - अभाव पदार्थ के विषय में स्पष्टता - प्रमाणमीमांसा - महत्त्व के दार्शनिक सिद्धांत - पीलुपाकवाद - ईश्वरवाद - ग्रंथ और ग्रंथकार १३ मीमांसकदर्शन - देवता - तत्त्वमीमांसा - प्रमाण विचार - महत्त्व के दार्शनिक सिद्धांत - अपूर्व सिद्धांत - प्रामाण्यवाद - अपौरुषेयवाद - जगत् - ग्रंथ एवं ग्रंथकार १४ उत्तरमीमांसा (वेदांत) दर्शन - ब्रह्मसूत्र के प्रसिद्ध भाष्यकार - ग्रंथ-ग्रंथकार १५ योगदर्शन - ग्रंथ-ग्रंथकार १६ दर्शनसंग्राहक ग्रंथ १७ ग्रंथकारश्री का परिचय १८ टीकाकारश्री का परिचय १९ षड्दर्शन समुञ्चय की अन्य टीकायें २० शुभ कामना पृ. नं. | क्रम विषय श्लोक नं. पृ. नं. विस्तृत विषयानुक्रम १ टीकाकारश्री का मंगल २ ग्रंथकारश्री का मंगल ३ वीरपरमात्मा के चार अतिशय (१) ४ आदि-मध्य-अंत्यमंगल का कारण (१) ५ 'सद्दर्शन' विशेषण के द्दारा जैनदर्शन की सत्यता की सिद्धि ६ भगवान के विशेषणों द्वारा अन्यमतों (१) ८ का खंडन ७ शास्त्रकारपरमर्षि की मध्यस्थता (१) १३ ८ संख्यातीतदर्शनों का छ: में (१) १४ अन्तर्भाव ९ ३६३ परवादियों की मान्यताओं का प्रारंभ (१) १० क्रियावादियों के १८० भेद (१) १६ ११ अक्रियावादियों के ८४ भेद (१) २२ १२ अज्ञानवादियों के ६७ भेद (१) २४ १३ सत्त्वादि सात भांगों की विचारणा (१) १४ विनयवादियों के ३२ भेद (१) १५ लोक के स्वरुप के बारे में भिन्न-भिन्न मान्यतायें (१) ३० १६ दर्शनों की संख्या (२) १७ दर्शन के नाम ___ बौद्ध दर्शन : अधिकार-१ १८ बौद्धदर्शन के देवता सुगत १९ दुःखादि चार आर्यसत्य (४) २० (चार आर्यसत्य में से) दुःखतत्त्व ___ के विज्ञानादि पांच भेद - स्कंध (५) ४२ २१ दुःखतत्त्व के कारणभूत समुदय तत्त्व की व्याख्या २२ (चार आर्यसत्य में से) "मार्ग" और "निरोध" तत्त्व की प्ररुपणा तथा "क्षणिकवाद" की सिद्धि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004074
Book TitleShaddarshan Samucchaya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanyamkirtivijay
PublisherSanmarg Prakashak
Publication Year2012
Total Pages756
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy