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क्रम
१ प्रकाशकीय
२ पूरोवचन - पू. आ. भ. श्री . कीर्तियश सू.म.सा. ३ किंचित्-पू.मु. श्री. दिव्यकीर्ति वि.गणी
४ संशोधक प्रतिभावः - श्री मेहुलभाई शास्त्री ५ सारस्वतवचनम् - र्डा. विष्णुप्रसाद शास्त्री ६ संपादकीय
७ भूमिका संपादक
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- उपोद्घात
• दर्शन
सभी दर्शन को मान्य मोक्ष का स्वरूप
- षड्दर्शन ८ बौद्धदर्शन
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- देवता तत्त्वमीमांसा
महत्त्व के दार्शनिक सिद्धांत
- नैरात्म्यवाद
क्षणिकवाद
विषय
- प्रतीत्यसमुत्पाद वाद
- अनीश्वरवाद
चार निकाय
- प्रमाण विचार
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ग्रंथ और ग्रंथकार
षड्दर्शन समुच्चय, भाग-२ (६-६०६)
विस्तृत विषयानुक्रम
पृ. नं. क्रम
९ नैयायिकदर्शन
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- देवता तत्त्वमीमांसा
• प्रमाता प्रमाण- प्रमेय-प्रमिति
• महत्त्वपूर्ण दार्शनिक सिद्धांत
- प्रमाण विचार
प्रत्यक्ष प्रमाण
अनुमान प्रमाण उपमान प्रमाण
- शब्द प्रमाण
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• ग्रंथ और ग्रंथकार
प्राचीन न्याय
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- नव्यन्याय
१० सांख्यदर्शन
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• देवता-ईश्वर विषयक महत्त्व की चर्चा
तत्त्वमीमांसा
प्रमाणमीमांसा
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महत्त्व के दार्शनिक सिद्धांत
• सत्कार्यवाद
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११ जैनदर्शन
देवता
तत्त्वमीमांसा
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पुरुष बहुत्व
ग्रंथ एवं ग्रंथकार
जीव
अजीव
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पुण्य-पाप-आश्रव संवर-बंध-निर्जरा
मोक्ष
- प्रमाणमीमांसा
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विषय
प्रत्यक्ष प्रमाण
परोक्ष प्रमाण
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• महत्त्व के दार्शनिक सिद्धांत
- स्याद्वाद
- नयवाद
सप्तभंगी
• निक्षेप योजन
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- सत् की व्याख्या
कर्मवाद
• शरीर परिमाणवाद
- ग्रंथ और ग्रंथकार
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- दार्शनिक ग्रंथ
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प्र. नं.
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