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महादेव जाँच करते हैं; अतएव एक शास्त्र का खरा-खोटापन जाँचने की विविध परीक्षाओं को रूपक की भाषा में 'कसौटी पर कसना', 'काटना' अथवा 'तपाना' कहा जा सकता है ।
यस्य चाराधनोपायः सदाज्ञाभ्यास एव हि ।
यथाशक्ति विधानेन नियमात् स फलप्रदः ॥६॥ जिस व्यक्ति की आराधना करने का एकमात्र उपाय है उसके द्वारा दिए आदेशों का सदा पालन करना (अथवा उसके द्वारा दिए गए शोभन आदेशों का पालन करना)-और यह आदेश-पालन ऐसा है कि उसका शक्ति भर तथा विधिपूर्वक संपादन अवश्य ही फलदायी सिद्ध होता है-(वही व्यक्ति महादेव कहलाता है)।
सुवैद्यवचनाद् यद्वद्व्याधेर्भवति संक्षयः ।
तद्वदेव हि तद्वाक्याद् ध्रुवः संसारसंक्षयः ॥७॥ . जिस प्रकार एक योग्य वैद्य के वचन से (अर्थात् उस वचन के पालन से) रोग का सर्वनाश होता है उसी प्रकार (महादेव कहलाए जाने योग्य) प्रस्तुत व्यक्ति के वचन से संसार-चक्र का संपूर्ण नाश होता है ।
एवंभूताय शान्ताय कृतकृत्याय धीमते ।
महादेवाय सततं सम्यग्भक्त्या नमोनमः ॥८॥ उक्त स्वरूप वाले, शान्त चित्त वाले, अपने सब करणीयों को कर चुकने वाले, श्रेष्ठ बुद्धि वाले महादेव को समुचित भक्तिपूर्वक हमारा सतत नमस्कार है।
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