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________________ ६५. जिनकुशलसूरि गीतम् ६६. जिनकुशलसूरि गीतम् ६७. जिनकुशलसूरि सेतुबन्ध सोरठा ६८. युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि हिंडोलना ६९. युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीतम् ७०. युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीतम् ७१. युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीतम् ७२. जिनसिंहसूरि पदस्थापना गीतम् ७३. जिनसिंहसूरि गीतम् ७४. जिनराजसूरि गीतम् ७५. जिनराजसूरि गीतम् ७६. जिनराजसूरि गीतम् ७७. जिनराजसूरि गीतम् ७८. जिनराजसूरि गीतम् ७९. जिनराजसूरि गीतम् ८०. जिनराजसूरि गीतम् ८१. वज्रस्वामी गीतम् ८२. आषाढभूति गीतम् ८३. अनाथी ऋषि गीतम् ८४. शुक्ल - कृष्णपक्षी साधु गीतम् ८५. चार मंगलगीतम् ८६. जीवप्रतिबोध गीतम् ८७. जीवप्रतिबोध गीतम् ८८. जीवप्रतिबोध गीतम् ८९. वैराग्य गीतम् ९०. प्रभु वीनती गीतम् ९१. पञ्च इन्द्रिय गीतम् ९२. सप्तव्यसनवारक गीतम् ९३. चारकषायनिवारक गीतम् ९४. चारकषायनिवारक गीतम् ९५. दानशीलतपभाव गीतम् ९६. दान गीतम् ९७. शील गीतम् ९८. शील गीतम् ९९. आलोचना गीतम् १००. ८८ चौबीस जिन स्तवन Jain Education International ११० दरसण दादा ए अपनउ दस दिसइ दादा दीपतो सिंध काबिल अंग बंग कलिंग निज रूप करि जिमि मयन जीतउ श्रीखरतरगच्छ मंडणउ गरुअउ श्रीजिनचन्द्रसूरि गुरु बंदउ राउल श्री भीम इम कहइजी सुभ दिन आज बधाई श्रीजिनसिंघसूरिगुरु माइ० श्रीजिनराजसूरिंदना पय वंदउ श्री व्रधमान जिनिंद जी सोभागी गुरु माहरउ दिन दिनइ दरसन ताहरउ सखि मोरी धरि उछरंग हे सखी श्रीजिनराजसूरि गछधणी लुद्रवइ पट्टणि देहरइ नंदन नाच रीया मुनिवर सुणि हो सखी ४ २ ४ For Personal & Private Use Only ५. ७ ५ ८ ३ ४ ५. ८ ६ ४ ५. ८ ९ १२ १४ ३३ ३१ ४४ ४ शील सुदृढ पालइ जिको हो पहिलउ मंगल मनि धरीरे जिउरा करि निरंजन ध्यान मेरे जीउ म करि करि मेरा जीव कछु बूझयइ रे जग मइ भरोसउ किसकउ मइ परमादि साहिब कइसइ पांचे इन्द्रिय वसे करउ जी सात विसन तूं छांडिके जीवड़ा कडुआ च्यारि कसाय ए वारउ हो जीव विचारी नै करउ रे सहुअ धरम माहे वडउ श्री व्रधमान जिणेसरइजी दान वडउ जगमइ कहयउ जी सीलइ सवि सुख पामीयइ (अपूर्ण) १२ गुरुमुख आलोयण जीउ चौवीसम श्रीवीरजिनेश्वर ४ ८ ३ ५ १२ २८ १५ १७ १८ २५ उवज्झाय गणि गणि पाठक पाठक पाठक अपूर्ण १६६०, राउद्रह मुनि पाठक वाचक वाचनाचार्य अपूर्ण वाचक पाठक पाठक अपूर्ण वाचक अपूर्ण पाठक, मालपुर www.jainelibrary.org
SR No.004071
Book TitleDamyanti Katha Champu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages776
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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