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________________ टीका सह, अष्ट कप्रकरण जिनेश्वर सूरिकृत टीका सह, आचार-दिनकर, आचार प्रदीप (रत्नशेखरसूरिकृत), आचारांगसूत्र चूर्णि-नियुक्ति-टीका सह, आलोचना विधि (जीर्णा, पूर्वाचार्यकृत), आवश्यक-सप्ततिका (मुनिचन्द्रसूरि कृत), आवश्यक सूत्र चूर्णि-नियुक्ति-बृहद्वृत्ति (हारिभद्रीय)-टिप्पणक सह, आवश्यक बालावबोध (हेमहंसगणिकृत), उत्तराध्ययन सूत्र चूर्णि, उत्तराध्ययन टीका (अशोक कृत १८४), उत्तराध्ययन सूत्र बृहवृत्ति (शान्त्याचार्यकृत), उपदेशपदटीका (वर्धमानसूरिकृत), उपदेशमाला टीका, उपदेशसप्ततिका (सोमधर्मगणिकृत), उपासकदशासूत्र टीका सह, ओघनियुक्ति टीका सह, औपपातिक सूत्र टीका सह, कथाकोष (जिनेश्वरसूरिकृत), कर्मस्थिति प्रकरण, कल्पभाष्य, कल्पनिरुक्ति (विनयचन्द्रसूरिकृत), कल्पवृत्ति, कल्पसूत्र टीका संदेहविषौषीध (जिनप्रभसूरिकृत), कल्पावचूरि (कुलमण्डनसूरिकृत), कालिकाचार्य कथा (भावदेवसूरिकृत), कालिकाचार्य कथा (कस्यांश्चित्), कालसप्ततिका (धर्मघोषसूरिकृत), क्षेत्रसमास, गच्छाचारप्रकीर्णक, गणिविजाप्रकीर्णक, गुणस्थानवृत्ति, गुरुतत्त्वप्रदीप, गोम्मटसार कर्मकाण्ड टीका सह, गौतमपृच्छा टीका सह, चतुर्विंशतिप्रबन्ध (राजशेखसूरिकृत), चर्चरी (जिनदत्तसूरिकृत), चिरन्तनगाथा (४७), चैत्यवन्दनकुलक टीका सह, चैत्यवन्दन भाष्य टीका सह, जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र टीका सह, जीतकल्पसूत्र टीका सह, जीर्णोद्धारप्रकीर्णक (१२०), जीवसमासप्रकरण टीका सह, जीवानुशासन टीका सह, जीवाभिगमसूत्र टीका सह, ज्ञाताधर्मकथासूत्र टीका सह, ज्योतिष्करण्डक टीका सह, ठाणा वृत्ति (देवचन्द्रसूरिकृत), तत्त्वार्थसूत्र भाष्य-टीका, तपागच्छीय बृहत्सामाचारी, तीर्थोद्गारप्रकीर्णक, दशवैकालिक सूत्र चूर्णि-बृहद्वृत्ति सह, दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र चूर्णि सह, दिक्पटीग्रन्थः (१६५), दिनचर्या, दुःषमाकाल- श्रमणसंघस्तोत्र (२२५), धर्मप्रभसूरि (४६), धर्मबिन्दुप्रकरण टीका सह, धर्मरत्नप्रकरण बृहद्वृत्ति सह, नंदीश्वरचैत्यस्तव (जिनवल्लभीय) टीका (साधुसोमकृत) सह, नन्दीसूत्र चूर्णि-लघुवृत्ति-बृहद्वृत्ति सह, नमस्कारावली (१२५), नवपदप्रकरण लघुवृत्तिबृहद्वृत्ति सह, निशीथसूत्र भाष्य-चूर्णि सह, पंचकल्प भाष्य-चूर्णि सह, पञ्चवस्तु प्रकरण टीका सह, पञ्चसंग्रह, पञ्चाशक प्रकरण चूर्णि (यशोदेवसूरिकृत ११४)-वृत्ति (अभयदेवसूरिकृत) सह, परिग्रहपरिमाणकुलक (जिनवल्लभसूरि कृत २२६), पर्युषणाकल्प, टिप्पनकद्वय (देवसेनगणिकृत ८६, पृथ्वीचन्द्रसूरिकृत), पाक्षिकसूत्र चूर्णि-वृत्ति सह (३६३), पाखण्डिकविचारगर्भ वीरस्तोत्र (२१७), पिण्डनियुक्ति टीका सह, प्रज्ञापना सूत्र टीका सह, प्रत्याख्यान भाष्य-चूर्णि सह, प्रवचनसारोद्धार टीका सह, प्रशमरति प्रकरण टीका सह, प्रत्याख्यान भाष्य-चूर्णि सह, प्रवचनसारोद्धार टीका सह, प्रशपरति प्रकरण टीका सह, प्रश्नव्याकरणसूत्र टीका सह, बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति-भाष्य-चूर्णि-वृत्ति सह, भगवती सूत्र टीका सह, भक्तप्रकीर्णक, मनुस्मृति, मरणविभक्तिप्रकीर्णक, महानिशीथ सूत्र, मुनिसुव्रतचरित्र (पद्मप्रभसूरिकृत), यतिजीतकल्प बृहद्वृति सह, योगबिन्दु टीका (मुनिचंद्रसूरिकृत) सह, योगविधिप्रकरण (अजितदेवसूरि कृत), योगशास्त्र बृहद्वृत्ति-बालावबोध (सोमसुंदरसूरिकृत) सह, योगसंग्रह (९०), रत्नकोश (२४२), Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004071
Book TitleDamyanti Katha Champu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages776
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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