________________
अंकित होना भी सैंधव लिपि के पाठन हेतु जैन संदर्भित कुंजी बन जाता है। सैंधव पुरा लिपि की कुंजियाँ 11 से 20 वे जिनबिंब हैं जिनके पादपीठ पर गहरे उकेरित पुरा कालीन संकेताक्षर हैं अथवा पैरों पर उभरे सैंधव संकेताक्षर हैं। इनके चित्र तथा अंकन इस प्रकार हैं। कुंजी-10 उस्मानाबाद की धाराशिव जैन गुफाव्दार पर ढाईब्दीप, जंबून्दीप एवं भवघट में आत्मस्थता अंकन
ढाईब्दीप संबंधी दो सैंधव कल्पनाओं में से प्रथम वाली अंकित
कुंजी 11
कुंजी 12
कुंजी 130
XAM९८०
कुंजी 16
(10
कुंजी 15 AM
183
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org