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चाखुदायमा
चित्तानुकलती
प्रशंसा
अभय दयाणं :- अभय प्रदान करनेवालों को।
मग्ग दयाणं :धर्म का मार्ग दिखलाने वालों का
चक्खु दयाणं :- श्रुत्तरुपी चक्षु देने वालों को।
सरणादयाण
धम्मदयायत
मिसयाणां ।
वाहिदया
तत्त्ववोध
सरण दयाणं :- शरण देनेवालों को।
बोहि दयाणं :- सम्यक्त्व देनेवालों को।
धम्म दयाणं :
धम्म देसयाणं :धर्म का स्वरुप समझानेवालों को। धर्म का उपदेश देने वालों का।
धम्मनायगाणं
प्रवर्तन-पालन-दमन ।
अप्पडिहय-वस्ताणदसण-घराण
धम्मसारहाणं
धम्म सारहीणं :धर्म रथ को चलाने में कुशल सारथियों को।
परिवारान चालकदहीगा धम्म वर चाउरंत चळवट्ठीणं :- धर्मरुपी श्रेष्ठ चतुरन्त चक्र धारण करने वालों को, चार गतियों का नाश करने वाले तथा धर्मचक्र के प्रवर्तक उत्तम चक्रवर्तियों को।
अप्पडिहय-वर-नाणदसण-घराणं चार घाती कर्म क्षय कर परमात्मा अबाधित केवल ज्ञान-दर्शन से समस्त विश्व
को देखते हैं।
पम्म नायगाण:- धर्म के नायकों को।
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तिण्णाण तारयाण
जिणाण जावगाणं 60
तित्राणं तारयाणं :- स्वयं संसार समुद्र से पार हो गये है तथा दूसरों को भी पार पहुंचानेवालों का।
जिणाणं जावयाणं :राग - द्वेष को जीतनेवाले और जितानेवाले
वियट्टछउमाण
वियट्ट - छउमाणं :घाती कर्मों से रहित होने से जिनकी छदास्थावस्था चली गई है उनको।
Politiसर्वत्र सबंदी, शिव-अचल-अज-अन-अक्षय-अयमा अपनरावति शिविशति-माम सवाना
।
PROD Louismamming बुद्धाण बोहयाणं
बुद्धाणं बोहयाणं :स्वयं बुद्ध है तथा दूसरों को भी बोध देनेवालों का।
मुत्ताणं मोअगाणं :- स्वयं मुक्त है और
दूसरों को मुक्त कराने वालों का सब्बनूणं सच दरिसिणं :- सर्वज्ञों को, सर्व दर्शियों को
शिव. उपद्रव रहित,
अचल-स्थिर, अरूच. रोग रहित, अनंत-अंत रहित,
अक्षय-क्षय राहत, अव्यावाध-कर्म जन्य पीडा रहित,
अपुनरावृत्ति- पुनरागमण रहित सिद्धगइ नाम धेय :- सिद्धगति नाम वाले ठाणं संपत्ताणं :- स्थान, मोक्ष को प्राप्त किये हुओं को
णमो जिणाणं:- नमस्कार हो जिनों को जिज भयाणं :- भय जीतने वालों को
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