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________________ ५६६ / जैनपरम्परा और यापनीयसंघ / खण्ड १ अ०७/प्र०३ क-"काणूरगणद --- नन्दिभट्टारकरुं बालचन्द्रभट्टारकरूं मेघचन्द्रत्रैविद्यदेवलं --- गुणनन्दिदेवशब्दब्रह्म --- प्रभाचन्द्रसिद्धान्तदेवर --- माघनन्दिसिद्धान्त---।"१४७ ख-"श्रीमूलसंघ-कुण्डकुंदान्वय-काणूरगण-तिंत्रिणिगच्छद जवलिगेय मुनिभद्रसिद्धान्तदेवरशिष्य ---1"१४८ ग-"देशियगणद --- काणूरगणद ---।" १४९ घ-"श्रीमूलसंघ-कोण्डकुन्दान्वय-काणूरगणद मेषपाषाणगच्छद श्रीप्रभाचन्द्रसिद्धान्तदेवर---।" १५० ङ--"श्रीकाणूगणमूलसंघ --- पुस्तकगच्छद।" १५१ च-"श्रीमूलसंघ-पनसोगवतीप्रसिद्धदेशीयविदितपुस्तकचारुगच्छे। यः कुण्डकुंदमुनिवंशललामभूल्ललितकीर्तिमहामुनीन्द्रः।" १५ छ-"श्रीमूलसंग-कुण्डकुन्दान्वयद काणूगण माधवचन्द्रदेव ---।" १५३ ज-"श्रीमूलसंघद-कोण्डकुन्दान्वयद क्राणूग्गण मेषपाषाणगच्छद ---।" १५४ झ-श्रीमलसंघविख्याते मेषपाषाणगच्छके।। क्राणूर-ग्गण-जिनावासो निर्मितं हेम्मभूभृतः॥१५५ इन समस्त उद्धरणों में काणूगण या क्राणूगण का सम्बन्ध मूलसंघ के ही साथ बतलाया गया है और मूलसंघ का सम्बन्ध कुन्दकुन्दान्वय, देशीयगण तथा पुस्तकगच्छ के साथ वर्णित है। इससे एकदम स्पष्ट है कि काणूगण या क्राणूगण कुन्दकुन्दान्वय और मूलसंघ का ही गण था और मूलसंघ कुन्दकुन्द से सम्बद्ध होने के कारण निर्ग्रन्थसंघ का नामान्तर है। जैनशिलालेख-संग्रह (मा.च.) भाग ३ की प्रस्तावना (पृ.२५) में डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी ने एवं जैन शिलालेख संग्रह (भा.ज्ञा.) भाग ४ की प्रस्तावना १४७. वही । ईचवाडि (मैसूर) लेख क्र. ९६ / पंक्ति ५-१०/१२ वीं सदी। १४८. वही / दडग (मांडया, मैसूर) लेख क्र. २१२ / पंक्ति २६ / १२वीं सदी पूर्वार्ध। १४९. वही / पंक्ति ३३। १५०. वही / सालूर (मैसूर) लेख क्र. २१४ / पंक्ति १४ / सन्११३० । १५१. वही / भंगेरी (मैसर) लेख क्र. २४० / पंक्ति ५। सन्११५०। १५२. वही / माविनकेरे (कडूर, मैसूर) लेख क्र. २९२ / १२ वीं सदी। १५३. वही / मावलि (मैसूर) लेख क्र. ३१२ / १२वीं सदी। १५४. जैन शिलालेख संग्रह / माणिकचन्द्र / भाग २ / कल्लूरगुड्ड-लेख क्र. २७७ / पृ.४१६ । १५५. वही / पुरले-लेख क्र. २९९ / पृ.४५५ / १११२ ई.। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004042
Book TitleJain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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