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________________ अ०४/प्र०२ जैनेतर साहित्य में दिगम्बरजैन मुनियों की चर्चा / ३४९ जी ने जो यह अनुवाद किया है कि "वह (भद्रा) पर्वत से नीचे उतरकर श्वेतवस्त्रधारी निगण्ठों के संघ में प्रव्रजित हो गयी" मूलकथा के सर्वथा विपरीत है। १७.२. मुनि श्री नगराज जी के भ्रम का कारण वस्तुतः यही कथा खुद्दकनिकाय के अपदान नामक ग्रन्थ में भी आयी है, जिसका वर्णन थेरी २.३.१-५४ में किया गया है। उसमें १ से ५४ गाथाओं में भद्रा उपर्युक्त कथा का आत्मकथा के रूप में वर्णन करती है। इस कथा में कहा गया है कि भद्राकुण्डलकेशी ने 'श्वेतवस्त्र मुनियों' (सेतवत्थानं) के पास जाकर प्रव्रज्या ग्रहण की तदाहं पातयित्वान गिरिदुग्गम्हि सत्तुकं। सन्तिकं सेतवत्थानं उपेत्वा पब्बजिं अहं॥ ३६॥ सण्डासेन च केसे मे लुञ्चित्वा सब्बसो तदा। पब्बजित्वान समयं आचिक्खिंसु निरन्तरं॥ ३७॥ अनुवाद-"उस दुर्गम पर्वत से सत्तुक ('सत्तुक' नाम के चोर पति) को नीचे गिराकर मैं 'श्वेतवस्त्रों' (श्वेतपटों अर्थात् श्वेताम्बर मुनियों) के पास जाकर प्रव्रजित हो गयी। मेरे सभी केश सँड़सी से लुचिंत कर मुझे दीक्षित कर दिया गया। तत्पश्चात् वे निरन्तर धर्मोपदेश देने लगे।" 'अपदान' की ये समस्त ५४ गाथाएँ 'थेरीगाथा-अट्ठकथा' की 'भद्दाकुण्डलकेसाथेरीगाथा-वण्णना' (क्र.९) में निम्नलिखित वाक्यों के अनन्तर उद्धृत की गयी हैं-"सत्था तस्सा आणपरिपाकं ञत्वा.. सहस्समपि चे गाथा अनत्थपदसंहिता। एकं गाथापदं सेय्यो यं सुत्वा सुपसम्मती ति॥ इमं गाथमाह। गाथापरियोसाने यथाटिताव सह पटिसम्भिदाहि अरहत्तं पापुणि। तेन वुत्तं अपदाने (अप/थेरी/२.३.१-५४) पदमुत्तरो नाम जिनो सब्बधम्मान पारगू। इतो सतसहस्सम्हि कप्पे उप्पग्जि नायको॥ १॥ यह 'अपदान' (थेरी २.३) की पहली गाथा है। इसके बाद शेष ५३ गाथाएँ उद्धृत हैं। इन्हीं के अन्तर्गत उपर्युक्त 'तदाहं पातयित्वान' आदि दो गाथाएँ (३६-३७) उद्धृत हैं। इस प्रकार "भद्राकुडण्लकेसा अपने पति को पर्वत से नीचे ढकेलने के बाद श्वेतवस्त्र मुनियों के पास जाकर प्रव्रज्या ग्रहण करती है" ये वचन अपदान में वर्णित Jain Education Interational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004042
Book TitleJain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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