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३४६ / जैनपरम्परा और यापनीयसंघ / खण्ड १
अ० ४ / प्र० २
" इस घटना-प्रसंग
थेरीगाथा- अट्ठकथा की 'भद्दाकुण्डलकेसा - थेरीगाथा वण्णना' में वस्त्रधारी निर्ग्रन्थों की चर्चा होने की बात कही है। 'निगंठवत्थु' की समीक्षा करते हुए वे लिखते हैंनिगण्ठों के वस्त्रधारण की चर्चा है, पर यह स्पष्ट नहीं होता कि किस प्रकार का वस्त्र वे धारण करते थे और उसका क्या प्रयोजन था ? पर, इससे इतना तो स्पष्ट होता ही है कि बौद्धपरम्परा को सचेलक और अचेलक, दोनों ही प्रकार के निगण्ठों का परिचय है। " ( आगम और त्रिपिटक: एक अनुशीलन / खं.१/पृ.४३९) ।
धम्मपद-अट्ठकथा (८/३) और थेरीगाथा - अट्ठकथा (९) की 'कुण्डलकेसी - थेरीवत्थु ' या ‘भद्दाकुण्डलकेसा-थेरीगाथा - वण्णना' की समीक्षा में मुनि जी कहते हैं
" प्रसंग बहुत ही सरस व घटनात्मक है । बुद्ध की प्रमुख शिष्या का पहले निगंठसंघ में दीक्षित होना, एक विशेष बात है । केशलुंचन व श्वेतवस्त्रधारी निगण्ठों का उल्लेख ऐतिहासिक महत्त्व का है । " आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन / खण्ड /१/पृ. ४४७)।
उक्त कथाओं में वस्त्रधारी या श्वेतवस्त्रधारी निर्ग्रन्थों की चर्चा होने की बात सर्वथा मिथ्या है। उनमें निगंठों के वस्त्रधारी होने का कथन कहीं भी नहीं है। धम्मपदअट्ठकथा की 'निगंठवत्थु' कथा में तो इस तथ्य का स्पष्टीकरण पूर्व में किया जा चुका है। अन्य दो कथाओं में भी निगण्ठों के साथ 'वस्त्रधारी' विशेषण के अभाव के प्रमाण नीचे दिये जा रहे हैं।
१७.१. कुण्डलकेसित्थेरीवत्थु
इस कथा का वर्णन धम्मपद - अट्ठकथा के आठवें सहस्रवर्ग (सहस्सवग्गो) में तीसरे क्रम (८/३) पर तथा थेरीगाथा - अट्ठकथा में नौवें क्रम पर है। दोनों में कथा समान है, केवल श्रेष्ठिपुत्री भद्रा के दीक्षासम्प्रदाय दोनों में भिन्न-भिन्न बतलाये गये हैं। धम्मपद-अट्ठकथा में वर्णित कथा का सार इस प्रकार है—
कुछ राजपुरुष एक चोर युवक को पकड़कर वधस्थल ले जा रहे थे । श्रेष्ठपुत्री भद्रा उसे देखकर मोहित हो जाती है और उसके साथ विवाह के लिए माता-पिता से हठ करती है। पिता राजपुरुषों को एक हजार मुद्राएँ देकर चोर को छुड़ा लेता है और उसके साथ पुत्री का विवाह कर देता है। चोर युवक ससुराल में ही रहने लगता है। भद्रा सदा आभूषणों से लदी रहती थी। चोर युवक के मन में विचार आता है कि किसी बहाने उसे चौरप्रपात पर्वत पर ले जाकर मार डाला जाय और आभूषण लेकर भाग जाया जाय। वह भद्रा को पर्वत पर ले जाता है । पर्वत पर पहुँचने
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