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अ०४/प्र०१
जैनेतर साहित्य में दिगम्बरजैन मुनियों की चर्चा / ३०९
३४ 'निर्ग्रन्थ' शब्द केवल दिगम्बर जैन साधुओं के लिए प्रसिद्ध
'क्षपणक' शब्द के समान 'निर्ग्रन्थ' शब्द का प्रयोग भी दिगम्बरजैन-साहित्य वैदिकसाहित्य, बौद्धसाहित्य, संस्कृतसाहित्य, शब्दकोशों और अभिलेखों में केवल दिगम्बरजैन मुनियों के लिए हुआ है। इसका सप्रमाण प्रतिपादन द्वितीय अध्याय के षष्ठ प्रकरण में किया गया है तथा प्रस्तुत अध्याय में भी इसके प्रमाण विस्तारपूर्वक द्रष्टव्य हैं।
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