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१८२ / जैनपरम्परा और यापनीयसंघ / खण्ड १
अ०३/प्र०२ ३.८. विपरीतार्थ और अयथार्थ शब्द का प्रयोग निष्प्रयोजन
___जब सचेल साधु को 'सचेल' शब्द से और श्वेतजीर्ण-अल्पवस्त्रधारी एवं महामूल्यपंचवर्ण-वस्त्रधारी को इन्हीं शब्दों से या कुचेल, सुचेल आदि शब्दों से अभिहित किया जा सकता है, तब जिनेन्द्र ने इन्हें इन्हीं शब्दों से अभिहित क्यों नहीं किया? इनसे उलटे अर्थवाले और अयथा अर्थवाले शंकोत्पादक एवं विमोहजनक शब्दों से अभिहित क्यों किया? इसका कोई समाधान टीकाओं में नहीं मिलता, न ही हो सकता है। और तीर्थंकर निष्प्रयोजन कार्य नहीं कर सकते, अतः सिद्ध है कि सचेल साधु के लिए 'अचेलक' और महामूल्य-पंचवर्ण-वस्त्रधारी साधु के लिए 'सचेल' शब्द का व्यवहार तीर्थंकरोपदिष्ट नहीं है।
इससे साबित होता है कि सचेल को 'अचेल' या 'अचेलक' शब्द से प्रसिद्ध करने का काम साम्प्रदायिक प्रयोजन से प्रेरित होकर टीकाकारों ने किया है। वह प्रयोजन था साधुओं के प्रकरण में 'अचेलक' शब्द के सर्वथा निर्वस्त्र (किसी भी प्रकार के वस्त्र से रहित) अर्थ को मिथ्या सिद्ध कर श्वेताम्बरमत को तीर्थंकर-प्रणीत एवं दिगम्बरमत को अतीर्थंकर-प्रणीत-निह्नवमत ठहराना) ३.९. सचेल के लिए अचेल-शब्दव्यवहार शंका-विमोहजनक
___ सचेल साधु के लिए 'अचेल' या 'अचेलक' शब्द का व्यवहार शंकोत्पादक है। इससे यह शंका उत्पन्न होती है कि सचेल साधु तो वस्त्रधारी साधु का नाम है, उसे अचेल क्यों कहा गया है। यह शंकोत्पादक शब्दव्यवहार सम्पूर्ण जिनवचनों में अश्रद्धा उत्पन्न करने का कारण होता है। और अज्ञानीजन इसे तीर्थंकरवचन समझकर विमूढ़ भी हो सकते हैं। तीर्थंकर इस तरह के शंका-विमोहोत्पादक शब्द का व्यवहार नहीं कर सकते। अतः सिद्ध है कि सचेल साधु के लिए 'अचेल' शब्द का व्यवहार तीर्थंकरोपदिष्ट नहीं है। ३.१०. साधुओं के लिए महामूल्य-वस्त्रधारण का उपदेश असंभव
टीकाकारों ने जो यह व्याख्या की है कि आगम में श्वेत-जीर्ण-अल्पमूल्यवस्त्रधारी साधु को अचेल और महामूल्य-विविधवर्ण-वस्त्रधारी साधु को सचेल शब्द से अभिहित किया गया है, इस व्याख्या ने तो तीर्थंकर महावीर के 'निर्ग्रन्थ' शब्द का उपहास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस व्याख्या से राजा-महाराजाओं, सेठसाहूकारों, रईसों और जैनमुनियों में कोई फर्क ही नहीं रहा। इन व्याख्याकारों के अनुसार तो शरीर को एड़ी से चोटी तक रेशम और जरी के रंगबिरंगे महामूल्य वस्त्रों से सजाकर रखनेवाला भी अपरिग्रही जैन साधु कहला सकता है।
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