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________________ अन्तस्तत्त्व पंचम अध्याय पुरातत्त्व में दिगम्बर- परम्परा के प्रमाण प्रथम प्रकरण - श्वेताम्बर - परम्परा में नग्न जिनप्रतिमाओं का निर्माण असंभव १. शुभप्रभामण्डल से तीर्थंकरों का नग्नत्व अदृश्य २. प्राचीन श्वेताम्बर - जिनप्रतिमाएँ गुह्यांग - रचना - रहित ३. श्वेताम्बरमतानुसार नग्न जिनप्रतिमा जिनबिम्ब नहीं ४. मुनि कल्याणविजय जी : मथुरा की प्राचीन जिन प्रतिमाएँ अनग्न ५. मथुरा की प्राचीन जिनप्रतिमाएँ नग्न ही हैं ६. वे श्वेताम्बरपरम्परा की प्रतिमाएँ नही हैं ७. गर्भपरिवर्तन की घटना का उत्कीर्णन डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन का लेख : मथुरा की नैगमेश मूर्तियाँ और कृष्णजन्म ८. कुछ जिनप्रतिमाओं का सम्बन्ध अर्धफालक-सम्प्रदाय से ९. छठी शती ई० के पूर्व श्वेताम्बरसंघ में अनग्न - अचेल जिनप्रतिमा की पूजा ९. १. छठी शती ई० के पूर्व भी सभी संघों के मन्दिर अलग-अलग थे ९. २. परस्परविरोधी मान्यतावालों की एक ही मन्दिर पूजा-उपासना असंभव ९. ३. पूर्वकाल में श्वेताम्बरसंघ अनग्न- अचेल - जिनप्रतिमा का पूजक द्वितीय प्रकरण - दिगम्बर - जिनप्रतिमाओं के निर्माण का इतिहास १. मोहेन-जो-दड़ो की जिनप्रतिमाएँ २. हड़प्पा - जिनप्रतिमा हड़प्पा और जैनधर्म : श्री टी० एन० रामचन्द्रन् ३. कलिंग - जिनप्रतिमा Jain Education International For Personal & Private Use Only [ सत्रह ] ३५९ ३५९ ३६३ ३६८ ३६९ ३७१ ३७१ ३७३ ३७३ ३७७ ३८६ ३८८ ३९२ ३९२ ३९४ ३९४ ३९८ ३९९ ४०५ www.jainelibrary.org
SR No.004042
Book TitleJain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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