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________________ [ १० ] कुमारजीको महान् परिश्रम करना पड़ा है तथा उन्होंने अनेक स्थानोंपर मूल पाठका संशोधन भी किया है । अकलंकदेव ईसाकी ७वीं या ८वीं शताब्दीमें कभी हुए हैं। आगे की शताब्दियोंमें इस देशका जो विध्वंस या तहस-नहस हुआ उसकी करुण कहानी हम सब जानते हैं। इसके परिणाम स्वरूप हमारा जो आर्थिक और राजनैतिक ह्रास हुआ वह हमारी सांस्कृतिक तथा साहित्यिक हानिकी तुलनामें अत्यल्प ही कहा जा सकता है। हमारे असंख्य ग्रन्थरत्न नष्ट हो गये और अाज तो उनमेंसे केवल कुछके ही नाम शेष रह गये हैं । ऐसे समयमें जब कि मूल ग्रन्थोंकी प्रतिलिपिकी सुरक्षा करना ही मानव प्रयासके लिए एक चुनौती थी उस समय उनकी शुद्धता पूर्णता एवं यथार्थता का संरक्षण बहुत दूरकी अथवा कल्पनातीत बात थी । इन परिस्थितियों में श्रीमहेन्द्रकुमारजीको इस ग्रन्थ सम्बन्धी शोधकार्य एवं उसके सम्पादनमें अनेक वर्षांतक अधिक श्रम करना पड़ा तो इसमें आश्चर्य ही क्या ? मैं उनके अध्यवसाय और विद्याप्रेम को समुचित प्रशंसा करता हूँ। उन्होंने इस ग्रन्थकी जो भूमिका लिखी है वह तो अत्यन्त मूल्यवान् सामग्रीका एक भण्डार बन गई है, जिससे न केवल इस ग्रन्थके विशेष अध्ययनमें ही सहायता मिलेगी वरन् वह सामान्यतः जैनन्यायके अनुशीलनमें बड़ी महत्त्वपूर्ण पृष्ठभूमिका कार्य करेगी । अंग्रेजी भूमिकाके साथ ही साथ वैसी ही बहुमूल्य हिन्दी प्रस्तावना भी इसमें दी गई है। न्याय दर्शन की दिशा उन दिशाओं में से एक है जिनमें भारतीय तत्त्वज्ञानकी प्रतिभा विकसित हुई है। इसकी अपनी विलक्षणता है। तथा पद-पदपर यह उस मूल उद्गमका भी प्रमाण प्रस्तुत करता है जहाँसे भारतीय विचारधारा प्रस्फुरित हुई है। उन्मुक्त विचारशैलीके साथ-साथ पारस्परिक चिन्तन और विचार विनिमय भारतीय संस्कृतिको बड़ी विशिष्टता रही है। मेरा पूर्ण विश्वास है कि श्रीमहेन्द्रकुमारके इस ग्रन्थके अध्ययनसे हिन्दूदर्शनके पंडितोंको भी अपने विषयको और अधिक समझने और विचारनेमें बड़ी सहायता मिलेगी। लखनऊ १६ दिसम्बर १९५८ सम्पूर्णानन्द (डी. लिट् , मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004038
Book TitleSiddhi Vinischay Tika Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnantviryacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1944
Total Pages686
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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