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वह रहेगा ही। ऐसा असंभव है कि हम पापियों के साथ पृथ्वी पर रहें और थोड़े-से पाप के भागीदार न हों। यह असंभव है।
यह जिंदगी एक शेयरिंग है। यहां यह हो सकता है कि आप अमीर हैं और मैं गरीब हूं, लेकिन मेरी और आपकी अमीरी और गरीबी दोनों जुड़ी होंगी। आपके पास करोड़ रुपए हो सकते हैं, मेरे पास एक कौड़ी हो सकती है, लेकिन मेरे पास भी एक कौड़ी है। असल में कहना यों चाहिए, मैं बहुत थोड़ा अमीर हूं, आप बहुत थोड़े गरीब हैं। इस जिंदगी में सभी चीजें सापेक्ष हैं।
महावीर, बुद्ध और कृष्ण, उनके जीवन में भी हिंसा है, जन्म में भी हिंसा है। लेकिन वह हिंसा बिलकुल मजबूरी और आखिरी मजबूरी है, द लास्ट बैरियर। जिस दिन वह गिर जाता है उसके बाद उनका दूसरा जन्म असंभव है।
ओशो, इसी संबंध में एक और प्रश्न है। बुद्ध, महावीर और क्राइस्ट जैसे लोग ज्ञानोपलब्धि के बाद भी क्या गर्भाधान करवा सकते हैं? और वे पुनः संभोग क्यों नहीं करते ताकि श्रेष्ठ आत्मा को जन्म दे सकें? और क्या गर्भाधान दो अज्ञानी व्यक्तियों के बीच की ही संभावना है?
साधारणतः गर्भाधान दो अज्ञानी व्यक्तियों के बीच की ही संभावना है। यह समझने जैसा है। महावीर या बुद्ध जैसे व्यक्ति जन्म देने को राजी न होंगे। दो कारणों से। एक तो वे किसी भी व्यक्ति को जीवन-मरण की यात्रा पर भेजने की तैयारी नहीं दिखा सकते। वे किसी भी व्यक्ति के जीवन और मृत्यु की लंबी यात्रा के लिए कारण नहीं बन सकते।
असल में महावीर और बुद्ध जैसे व्यक्ति तो हम सबको ऐसे जगत में भेजने के लिए उत्सुक हैं जहां से लौटना न हो, जहां से फिर जीवन न हो। वे तो आवागमन से मुक्त कराने के लिए आतुर व्यक्ति हैं। हम सब लोगों को आवागमन से मुक्त कराने के लिए आतुर व्यक्ति हैं। हम किसी को इस पृथ्वी पर लाना चाहते हैं, महावीर और बुद्ध किसी को इस पृथ्वी से मुक्त करना चाहते हैं। महावीर और बुद्ध भी कहीं जन्म देना चाहते हैं, लेकिन वह मोक्ष है, जहां वे जन्म देना चाहते हैं। कहीं पहुंचाना चाहते हैं जहां शरीर नहीं है, जहां दुख नहीं है, जहां पीड़ा नहीं है। वे भी जीवन भर दौड़ रहे हैं आपके किसी नये जन्म के लिए, लेकिन आपके शरीर के जन्म के लिए उनकी आतुरता नहीं है।
बुद्ध के जीवन में एक मीठी घटना है, वह आपसे कहूं तो समझ में आ सके।
बुद्ध बारह वर्ष बाद घर लौटे हैं। तो वे अपने पुत्र राहुल को सिर्फ एक दिन का छोड़ कर भाग गए थे। अब वह बारह वर्ष का हो गया है। उसकी मां स्वभावतः बुद्ध पर नाराज रही है। और अपने बेटे को भी उसने बुद्ध के खिलाफ बहुत बातें कही होंगी। अपने बेटे को भी उसने काफी तैयार कर रखा है कि जब बुद्ध आयें, तो उनसे झगड़ना ही है। फिर बुद्ध
तंत्र (प्रश्नोत्तर)
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