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बनाते हैं। तब साधना एक तरफ और संगठन महत्वपूर्ण हो जाते हैं। और संगठन के जो बाहर हैं, वे दुश्मन हो जाते हैं। जो संगठन के भीतर हैं, वे अपने हैं; और संगठन के जो बाहर हैं, वे पराये हैं।
और इसीलिए हर धर्म, आदमी को खंडों में बांटता चला जाता है। आज पृथ्वी पर कोई तीन सौ धर्म हैं। आदमी तीन सौ खंडों में बंटा हुआ है। धर्म को तो जोड़ना चाहिए, धर्म तोड़ने के लिए नहीं है। लेकिन कौन तोड़ता है? महावीर तोड़ते हैं? मोहम्मद तोड़ते हैं? दो में से एक ही बात हो सकती है-या तो महावीर ही तोड़नेवाले हैं, और या फिर जैन तोड़ने वाला है। या तो मोहम्मद ही तोड़ते हैं, या फिर मुसलमान तोड़ता है। या तो जीसस ही उपद्रवी हैं, या तो क्रिश्चियन उपद्रवी हैं।
मेरी समझ है कि महावीर, जीसस और मोहम्मद उपद्रवी नहीं हैं। क्योंकि जिनके अपने जीवन में उपद्रव की शांति हो गई, वे किसी दूसरे के जीवन में उपद्रव नहीं बन सकते; वे दूसरे के जीवन में भी शांति का ही संदेश हैं। लेकिन उनके पीछे आनेवाला अनुयायी जब खड़ा हो जाता है...। __ और अनुयायी के साथ एक रहस्य है। एक साइंटिफिक सूत्र अनुयायी का समझ लेना चाहिए। और यह बड़ा मजेदार मामला है कि अक्सर विपरीत आदमी अनुयायी बनते हैं। अक्सर अगर महावीर ने सब छोड़ दिया है, तो महावीर के पास चरणों में वे ही लोग आयेंगे जिनके पास सब है। क्यों? अगर महावीर उपवासे रहते हैं, तो महावीर के पास भोजनभट्ट इकट्ठे हो जायेंगे! उसका कारण है। अगर महावीर को भोजन की कोई चिंता नहीं है, तो जो आदमी भोजन को चौबीस घंटे सोचता है, वह सबसे पहले प्रभावित होता है। सोचता है, यह महावीर बड़ा अदभुत आदमी मालूम होता है! मैं तो चौबीस घंटे भोजन के बारे में ही सोचता हूं, रात सपने में भी भोजन करता हूं। और यह आदमी महीनों भोजन नहीं करता! यह महातपस्वी है! वह महावीर के पैरों में पड़ जाता है। महावीर नग्न खड़े हैं, तो जिसको वस्त्रों से बहुत मोह है, और जो शरीर को जरा भी नग्न करने में असमर्थ है, वह महावीर को मानता है, कि यह आदमी साधारण नहीं है। ___ इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि जैन धर्म के अनुयायी कपड़े की दुकान कर रहे हैं सारे मुल्क में। इसमें महावीर की नग्नता का कुछ न कुछ हाथ है। इसमें जरूर कहीं न कहीं कोई बात है।
इसमें आश्चर्य नहीं है कि ईसाइयों ने सारी दुनिया को तहस-नहस किया, और ईसाइयों ने सारी दुनिया पर साम्राज्य फैलाया। कहां जीसस! जिसने कहा था कि जो तुम्हारे गाल पर एक चांटा मारे, तुम दूसरा गाल उसके सामने कर देना; और जिसने कहा था कि जो तुम्हारा कोट छीन ले, उसे तुम कमीज भी दे देना; और जिसने कहा था, जो तुमसे एक मील तक बोझा ढोने को कहे, तुम दो मील तक चले जाना। इस आदमी को माननेवाले लोग सारी दुनिया पर गुलामी ढा देंगे-ये कोट भी छीन लेंगे, कमीज भी छीन लेंगे; ये दो मील की जगह दो हजार मील लोगों को चला देंगे; ये एक गाल पर भी चांटा मारेंगे और दूसरा गाल
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ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया
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