SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 189
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ही छोड़कर आ रहा है, तब हमें अपने झोपड़े को महल बनाने की कोशिश क्यों करनी चाहिए? और गरीब अगर अपनी गरीबी में राजी हो जाये, तो कभी भी उस स्थिति उपलब्ध नहीं हो पाता, जो धन के अनुभव के बाद में मिलती है । वह गरीब ही रह जाता है। महावीर को भिक्षा मांगते देखकर सम्राटों को शर्म आनी चाहिए थी; सोचना चाहिए था कि जो आदमी सम्राट होकर कुछ न पा सका, वह भिक्षा मांगकर कुछ पा रहा है ! नहीं, सम्राटों ने यह नहीं सोचा, भिखारियों ने यह सोचा कि हम बड़े गौरववान हैं। क्योंकि देखो ! महलों में नहीं मिला तो अब भीख मांगने आए। हम तो पहले से ही भीख मांग रहे हैं। हम पर परमात्मा की कुछ ज्यादा ही कृपा है। आदमी... आदमी ऐसा सोचता है। और इसलिए इस बात में सच्चाई कि भारत की दीनता को बचाने में महावीर से प्रभावित लोगों का हाथ है - पर महावीर का नहीं। भारत की दीनता में, भारत की अवैज्ञानिकता में, भारत की अप्रगति में बुद्ध और महावीर से प्रभावित लोगों का हाथ है – बुद्ध और महावीर का नहीं। लेकिन बड़ी कठिनाई है! महावीर पर दोष कैसे थोपा जा सकता है? आग है, घर में चूल्हा भी जला देती है और रात अंधेरे में रोशनी भी कर देती है । और किसी के मकान में आग लगानी हो, तो भी काम में आ जाती है। जिसने आग को खोजा था, उस आविष्कारक को कैसे दोष दिया जा सकता है ? एटम बम है, जिन वैज्ञानिकों ने बनाया, क्या उनको हिरोशिमा के लिए दोषी ठहराया जा सकता है? नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि अणु की ऊर्जा से तो खेत में हजार गुनी फसल भी आ सकती है। अणु की ऊर्जा से सारी दुनिया के यंत्र चल सकते हैं; आदमी काम मुक्त हो सकता है। अणु की ऊर्जा से दीनता, दरिद्रता मिट सकती है, सदा के लिए। अणु की ऊर्जा से आदमी की उम्र लंबी हो सकती है। अणु की ऊर्जा से आदमी की संघातक मारियां समाप्त हो सकती हैं। लेकिन आदमी ने यह कुछ भी नहीं किया ! आदमी भूखों मर रहे हैं, खेत में फसल न बढ़ी। आदमी कैंसर से मर रहे हैं, कैंसर का इलाज अणु की ऊर्जा से न खोजा गया। बच्चे असमय मर जाते हैं, उनके बचाने की कोई संभावना अणु की ऊर्जा से न खोजी गई । अणु गिराया गया हिरोशिमा पर, कि लाखों आदमी राख हो जायें। क्या किया जा सकता है ! अरब में एक कहावत है कि जब भी कोई नया आविष्कार होता है, तो शैतान सबसे पहले उस पर कब्जा कर लेता है। महावीर का बड़ा आविष्कार है, शैतान ने सबसे पहले कब्जा कर लिया। आइंस्टीन का बड़ा आविष्कार है, शैतान ने सबसे पहले कब्जा कर लिया। दो ही रास्ते हैं : या तो ये आविष्कार न किए जायें; शैतान के डर से दुनिया में अच्छी चीजें न बनायी जायें; गलत प्रभाव की वजह से दान न मांगा जाये; गलत प्रभाव की वजह से कोई अच्छा काम न हो— क्योंकि गलत प्रभाव पड़ सकते हैं। लेकिन तब भी तो बुरा परिणाम होगा। क्योंकि अगर जो अच्छा न हो पाये, तो भी तो बुरा शेष रह जायेगा। इसलिए खतरे मोल लेने पड़ते हैं। आदमी गलत लेता है, लेने दें। जो ठीक है, उसे किये अपरिग्रह (प्रश्नोत्तर) Jain Education International For Personal & Private Use Only 177 www.jainelibrary.org
SR No.004032
Book TitlePanch Mahavrat Pravachan aur Prashnottari - Jyo ki Tyo Dhari Dinhi Chadariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year2012
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy