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________________ दो-तीन सूत्र और अपनी बात मैं पूरी करूं। पहला सूत्र ठीक से समझ लेना कि आप सोये हुए हैं। समझाने की कोशिश मत करना अपने को कि मैं सोया हआ नहीं हैं। जस्टीफाई मत करना अपने को कि मैं सोया हुआ नहीं हूं। मन कहेगा कि मैं और सोया हुआ? दूसरे सोये हुए होंगे, मैं तो जागा हुआ आदमी हूं। मैं और सोया हुआ? शास्त्र पढ़ता हूं, सोये हुए कैसे पढ़ सकता हूं? आत्मा, परमात्मा है, ऐसा जानता हूं, सोये हुए कैसे जान सकता हूं? नहीं, मैं सोया हुआ नहीं हूं। दूसरे सोये हुए हैं। सोया हुआ आदमी सदा दूसरे सोये हए पर टाल कर अपने को जागा हुआ मान लेता है। यह नींद को बचाने का उपाय है, यह सेफ्टीमेजर है नींद का, और नींद के अपने उपाय हैं बचने के। ध्यान रखना, नींद टूटने से बचना चाहती है। नींद सब तरह का इंतजाम करती है कि टूट न जाये। अगर आप रात को भूखे सो गये हैं तो नींद भोजन देती है आपको, अपने को बचाने के लिए स्वप्न में। अगर स्वप्न में भोजन न मिले तो नींद टूट जायेगी। तो नींद इंतजाम करती है कि भोजन ले लो-झूठा सही, क्योंकि नींद झूठी चीजें दे सकती है। नींद सच्ची चीजें नहीं दे सकती। भूखे आदमी को स्वप्न में निमंत्रण दिलवा देती है नींद कि सम्राट के घर आज भोज है और आपको निमंत्रण मिला है। और जो आदमी ने अपनी जिंदगी में कभी न खाया वह नींद उसके सामने रख देती है। यह नींद अपने को बचा रही है। आपको पेशाब लगी है नींद में, तो नींद कहेगी बाथरूम में चले जाओ। नींद में ही चले जाओ, उठने की कोई जरूरत नहीं। उठने से नींद टूट जायेगी। आपने अलार्म रखा है चार बजे उठने का, अलार्म की घंटी बजती है। नींद कहती है, अलार्म की घंटी नहीं, मंदिर का घंटा बज रहा है, आराम से सो जाओ! नींद अपने सेफ्टी-मेजर बनाये हुए है। नींद ने इंतजाम किया हुआ है कि टूट न जाये। तो आपके जागने में भी एक नींद का इंतजाम है। वह इंतजाम यह कि वह आपसे कहेगा. तुम तो जागे हुए हो बाकी लोग सोये हुए हैं। तुम इन्हें जगाने की कोशिश करो तो अच्छा, तुम तो जागे हए ही हो। अगर आपका मन आपसे कहे कि जागे हए ही हो तो नींद की इस सुरक्षा से बचना! इस धोखे में मत पड़ जाना। एक, जिस दिन पता चल जाये कि मैं सोया हुआ हूं, एहसास हो जाये। और कल की कोई जरूरत नहीं, अभी, यहीं, एहसास हो सकता है कि आप सोये हुए हैं। तो फिर जागने का उपाय शुरू करना। छोटी-छोटी क्रियाओं में जागना और जो गहरी क्रियाएं हैं उनका अभिनय करके जागने की कोशिश करना। ___ अगर संकल्पपूर्वक नींद की तरकीबों से बचते हुए जागने का प्रयास किया जाये तो जो महावीर को संभव हुआ, जो बुद्ध को संभव हुआ, वह आपको भी संभव हो सकता है। पोटेंशियली, बीज-रूप से, आपकी वही संभावना है जो किसी की भी है। आप भी वही हो सकते हैं जो जगत में कोई भी कभी हुआ है। ___ तो जागने की कोशिश करना और जागने की कोशिश जब गहरी हो जाये तो रुक मत जाना, अन्यथा दूसरे चरण पर नींद पकड़ लेगी। दूसरी मंजिल में ही रह जायेंगे। फिर वहां 110 ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004032
Book TitlePanch Mahavrat Pravachan aur Prashnottari - Jyo ki Tyo Dhari Dinhi Chadariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year2012
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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