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________________ 102 नहीं, जो जागने में ही जागा हुआ नहीं है, वह नींद में कैसे जागेगा ? पहले जागने में जागना पड़ेगा। और जिस दिन आप जाग जायेंगे उस दिन आप बहुत हैरान होंगे। जैसे मैं इस कमरे में बैठा हूं और अंधेरा घिर जाये तो मुझे दिखाई पड़ता है कि अंधेरा छा रहा है, अंधेरा घना हो गया, अंधेरा पूर्ण हो गया। फिर रोशनी आ जाये तो मुझे दिखाई पड़ता है, रोशनी आयी, रोशनी घनी हुई, रोशनी भर गयी। लेकिन मैं दोनों को जानता हूं। न तो आप जानते हैं कि कब आप सोये, कैसे नींद का अंधेरा आपके ऊपर गिरा और कैसे आप नींद में डूब गये; न आप जानते हैं, सुबह नींद कैसे हटी, कैसे समाप्त हुई, कैसे विदा हो गयी। जिस दिन आप जागरण की घड़ियों में जाग जायेंगे और जागने की क्रियाएं जाग कर करने लगेंगे, जैसे खाना होशपूर्वक खायेंगे, कपड़े होशपूर्वक पहनेंगे, रास्ते पर होशपूर्वक चलेंगे...। महावीर से किसी ने पूछा कि हम क्या करें ? तो महावीर ने कहा, क्या करने की उतनी फिक्र मत करो, जो करते हो उसे होशपूर्वक करो । क्रोध होशपूर्वक करके देखें, लेकिन बहुत कठिनाई होगी। जरा गहरे में है बात । तो फिर एक उपाय करें, एक्टिंग करें किसी दिन क्रोध की, तब आप उसमें आसानी से जाग सकेंगे। आज आप घर जायें तो तय करके जायें कि टूट पड़ना है किसी के ऊपर - बिलकुल एक्टिंग - अकारण, तो आप आसानी से जाग सकेंगे। तय करके जायें। कोई कारण नहीं है पत्नी का - ऐसे भी कोई कारण नहीं होता, लेकिन तब आप बेहोश होते हैं - तय करके जायें कि पत्नी का कोई कारण नहीं, अकारण टूट पड़ना है। और पूरी तरह क्रोध करें तो आप देख पायेंगे क्रोध को! इधर क्रोध चलेगा, इधर भीतर आप देख पायेंगे कि यह क्रोध चल रहा है। और अगर एक्टिंग के क्रोध को भी देख लिया तो दुबारा जो क्रोध होगा वह एक्टिंग हो जायेगी। अगर एक बार हम क्रोध का अभिनय कर सकें तो फिर कभी भी क्रोध बिना अभिनय के नहीं होगा। अभिनय ही हो जायेगा । उसके हमसे भीतरी संबंध ही टूट जायेंगे । तो जो चीजें गहरी हैं उनको एक्टिंग से शुरू करें। जो चीजें गहरी हैं उन पर होशपूर्वक अभिनय करें तो आप उनमें जाग सकेंगे। और अगर जागने के क्षणों में जागना आ जाये तो फिर नींद के क्षणों में जागना आना शुरू हो जायेगा। जिस दिन आप नींद में जाग जायेंगे, उस दिन आप अनकांशस में प्रवेश करेंगे। कृष्ण ने गीता में उसी की बात कही है कि योगी रात भी जब सब सोते हैं तब जागता है। वह दूसरा चरण है। नींद में अगर आप जाग गये तो आप बहुत हैरान हो जायेंगे। इतने हैरान होंगे कि आपकी पूरी जिंदगी बदल जायेगी। अगर आप रात में नींद में जागे हुए सो सके जो कि एक मिरेकल है, एक बहुत अदभुत चमत्कारपूर्ण घटना है - जिस दिन आप सोये और जागे । एक साथ भीतर जागे और बाहर सोये रहे, उस दिन सुबह आप इतने ताजे उठेंगे जैसी ताजगी का आपको कभी भी पता नहीं है। उस ताजगी का शरीर से कोई संबंध नहीं है। उस ताजगी का बहुत गहरे में आत्मा से संबंध हो जाता है। जिस दिन आप जागे हुए सो सकेंगे उस दिन आपके स्वप्न तिरोहित होने लगेंगे, क्योंकि आप स्वप्नों के प्रति जाग जायेंगे। ऐसा नहीं है कि बाद में पता चलेगा कि मुझे स्वप्न आया । जब स्वप्न आ रहा है, तभी आप जानेंगे कि स्वप्न आया । ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004032
Book TitlePanch Mahavrat Pravachan aur Prashnottari - Jyo ki Tyo Dhari Dinhi Chadariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year2012
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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