SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 80
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रृंगारमंजरी जिहां रोग सोग वियोग, दोहग दुःख दालिद चंडिमा, रणराय अंगणि वैर-परभव, नहींअ कहींइ दंडिंमा, जिहां लंड-भंडा चरड-चंडा, खंट-लंटा नट विटा, नहीं जट्ट मोटा खुंट खोटा, विकट संकट जूवटा. ५१जि. जिणि नयरि चिहुं दिसि विविध, चित्रित प्रौढ पुष्कल पोलिं, तिहां बद्ध मंगल काज, अनुदिन हेम-तोरण उली, तिहां पोलि पोलिं दानशाला, जिमति मानव कोडी, जे विबुध सेवित सौख्य, मंडित स्वर्ग सरखी जोडि. ५२जि. जिहां सगुण अर्थी सर्व मानव, गुणवंत पंडित मान, जिहां कुसुममाला मत्तबाला, धरइ मालिणि जाण, आश्चर्य नाटक गीत मनोहर, चतुर मानव गाम, जे छयल सुन्दर रसिक भोगिक, ते योग्य वसवा ठाम. ५३जि. . जस नयर बाहिरि सजल सरुवर, नदी नीरि निर्मली तिहां विकच-पंकज प्रेमि भमरा, भमति भोगिक मनरूली तिहां हंस सारस अलस चालति, चतुर चकवी चमकती. बक डाक चातक ढिंक चकवा, पालि खेलति श्रुभगति ५४जि. जंबीर निब कदंब जंबू, बिंब अंब प्रलंबया, बंधूक बदरी बहुल बीली, बोल बाउल तुंबया, हिंताल ताल तमाल कदली, बकुल केतकी बहदला, कलि वृक्ष बेउल सदल चंचल, कमल विमल परिमला. ५५जि. जिहां तिलक जालक सरल सालक, बकुल वालक मंझुला, नव नलिन नालक मदन मालक, नीर खालक बंजुला, वर नल रक्त मालक तरल तालक, कुसुम. शालिक परिमला, आराम पालक चतुर मालिक, वृक्ष चालक बहुदला. ५६जि. जिहां जाइ जूइ बमलि कूइ, चतुर हुइ कामिनी, रितु-राय नारी कुसमि. सारी, भमर भारी भामिनी, जहां बहुल परिमल बकुल संकुल, विमल-सर जल शीतला, जिहां मलय-मारूत मधुर-आरुत, भम्रर किंनर . जीतला. ५७जि. जिहां राम-लक्ष्मण भीम-अर्जुन, नकुल-सहदेवी वरा, जिहां सोमवल्ली अर्क कर्क, सिंहका-सुत अति खरा, जिहां कुंभकर्णि किलित-कूवा, भूमि संभव-मूनियुता, जे नयर-बाडी देव-मानव, परम पुरुषि सेविता. ५८जि. सोइ स्वर्गपाहि अधिक पत्तन, वावि कूआ वाटिका, जिहां चतुर मानव चतुर नारी, पहिरंत अनुदिन साटिका, परिणामि नंदन नामि नंदन, नयर-शिरोमणी जाणीइ, जे नयर नव नव भाव पोषी, कत्रीस्वरे वखाणीइ. ५९जि. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004029
Book TitleShrungarmanjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai V Sheth
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1978
Total Pages308
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy