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शृंगारमंजरी
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वेस-आभरण अनोपम सोहइ, वनिता-वृद ते देखी मोहइ, २०६८ रा. च्यारि ते यौवन रूप सिउं, माता परनारी प्रेमइ अति धण राता, २०६९ रा. कुसुम-आभरण नई वस्त्र ज वीटी, सज करी पेखइ कोइक दूती, २०७० रा.
दूहा बहु गुणवंती लोहमय मुहि अति तीनी हुंति, दुती सुइ विण किम मिलइ, माणस केरी संधि. २०७१ मन वल्लभनि मेलवइ, घाणी साकर-चूरि, एहवी दूती जिहां नहों, परिहरि देश सदूरि. २०७२ सही पडोसी सुगंधिका, न्यापित मालाकारि, प्रव्रजिता एणी परइ, दूतो तेर प्रकारि. २०७३ पहिलइ दिनि वार्ता करइ, बीजइ गुण कहइ तास, रूपकला गुण चतुरिमा, लीला वचन विलास. २०७४ तृतीय दिने सुंदरि तू गुणवति छई, मुरख कंत विलास, अहवा दासइ नवि घटइ, गोरी तोरइ पासि. २०७५ दूती अहवे बोलडे, जोइ तेहनू चित्त, मन देखी वार्ता कहइ, नहीतार तिजइ जडित्ति. २०७६ वलतू जउ सुंदरि कहइ, मेहली दीर्घ नीसास, सहि मे दैव अटारडु, कुहु सिउं कीजइ तास. २०७७ इम ते चंचल चित्त लहो, केता पडखो दीह, प्रगट करइ गुण छयल्लना, देखाडइ तस नेह. २०७८ दुर्भग दुर्गत कामिनी, प्रोखित कृपणह नारि, स्वछंदा कौतुकप्रिया लोभिणि सुलभ संसारि. २०७९ दूती च्यारे मोकली, चिहु ओ पृथग प्रघानि, आवी शीलवती प्रति, बोलइ मधुरी बाणि. २०८० गोरी तुज गुण सांभली, मोहिउँ चित्त सुजाण, जउ उवेखसि बोल तू, तु ते तिजसइ प्राण. २०८१ शीलवती उवाचजउ ते गुण-रागी ज छइ, तु सि न जाणइ चिंति, जे पहिलू असती हवइ, तस गुण किसिउ लहंति. २०८२
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