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उज्जल अधर - प्रवाली
गोरी-दंतडा,
शृंगार मंजरी
रातडा,
चंडु बहतु राहुथी, प्रीति विशेखइ हरिणलु,
दाडिम - कुली छंडावइ
काने नाग विलाइआ, निलवटि चंडु अद्ध, गोरी इसर समवडइ, मयण महा वसि किद्ध. १५२३ गोरी-कंठ सोहमणउ, ऊजल कंबु सुरेख.
कोइलि वीणा किन्नरी, त्रणे
जीत एख. १५२४
गोरी थण
थद्धा
गोरी - मुहि कीउ वास,
राखिउ नयणां पासि. १५२२
नीलकंठ हैंडइ धरिया, गोरी -थण इसर समा, गो-ह वट्टला, मणि लायfण पूरीया,
समान,
नर-मान. १५२१
दुरियन समा, साम-मूहा अइ बँक, कठिन सुपावरण, तुहइ उपाइ रंग.
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नीली-कंचु जलहर - रेखा
गोरी हैडइ थोर थणा, थण- गिरि सिहरिं दुरि रहइ,
नेह-ससि अद्ध रसाल, तीह हूं करूं जुहार. १५२६ मयण राय निहाण, कंचण-कलश समान.
थण अलीआला उद्ध-मुह, मयण महा-भड भल्ल, जीह उरि लग्गइ सो जीअइ, इअर मरइ ससल्ल. नयण-शरा थण-भल्लडी, वेणी तरल तरवारि, त्रि हथीयारे मयण-भड, जीपइ तिहुयण मझारि. १५२९ दोइ गौर-थण कणय- गिरि, मझ मोती- हार, आवत्ति नाहि-दहि, नइ फेणु बालानइ लोण-जलि, तीह कुंभस्थ थोर - थण,
जल-सार.
वल्लह जिम हीइ रकखया, गोरींइ गुण-सार,
१५२५
१५२७
बूडु मयण-मतंग, नेह-अंकुशि सुरंग. १५३१
१५२८
करइ सवत्ती कज्ज, पीउ परइ रंभण सज्ज. १५३२
अपावरण, गोरी-थण सोहंति,
मज्झ गय
१५३०
इय गव्विं उद्ध-मुहा, उनइया जीह जाया जीह वुट्टीया, तीह हैडू गोरी - थण दुज्जण थया, तु कर- पीडन करि कुंभत्थल अधिक, गोरी - पयोहर गय मोती छांना धरइ, थण धरइ परगट हार. १५३५
हार,
थाण-हार. १५३३ फोर्डति,
संहति १५३४
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ससिहर-बिंब हसंत. १५३६
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