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पं. फूलचन्द्रशास्त्री व्याख्यानमाला
आयु बन्ध का समयसब जीव वर्तमान अर्थात् भुज्यमान आयु को भोगते हुए आगामी आयु का बंध करते ही हैं, अन्यथा मरण होकर आगे की गति में जाना भी सम्भव नहीं हो सकता । उस आगामी आयु के बंधने का नियम यह है कि वर्तमान संपूर्ण आयु के दो तिहाई भाग बीतने पर आगामी आयु का बंध होता है । इसके पूर्व कदापि, कथमपि नहीं । यदि उस समय भी आय बंध योग्य परिणाम न हो सके तथा आयु बंध न हो सका तो जीव उस शेष एक तिहाई भाग आयु के भी पुन: एक तिहाई भाग शेष रहने पर आयु बंध योग्य होता है । यदि तब भी आयु बंध योग्य परिणाम नहीं हुए तो पुन: तब शेष बची आयु के पुन: त्रिभाग प्रमाण आयु शेष रहने पर जीव आयुबंध के योग्य होता है । इस तरह आगे भी कहना चाहिए। इसी क्रम से कुल ८ अवसर प्राप्त होते हैं, जिन्हें ८ अपकर्ष कहते हैं। यदि इन आठों अपकर्षों में भी आय बंध नहीं कर सका तो फिर जीव मरण से असंक्षेपाद्धा (आवलि का संख्यातवां भाग) काल पूर्व आयु बंध अवश्य कर लेता है। संसारी जीवों के आयु बंध बिना मरण भी सम्भव नहीं।
उदाहरण- जैसे किसी कर्म भूमिया मनुष्य या तिर्यंच की आयु ८१ वर्ष की है । उस ८१ वर्ष में से दो त्रिभाग अर्थात् ५४ वर्ष बीत जाने पर शेष १ त्रिभाग (२७ वर्ष) का प्रथम अन्तर्मुहूर्त काल आयु बंध योग्य काल है । शेष २७ वर्ष के दो त्रिभाग (१८ वर्ष) बीत जाने पर और एक त्रिभाग अर्थात् ९ वर्ष आयु शेष रहने पर प्रथम अन्तर्मुहूर्त में आयु बंध योग्य होता है। शेष ९ वर्ष के दो त्रिभाग = ६ वर्ष बीत जाने पर अर्थात् आयु में ३ वर्ष शेष रहने पर पुन ३ वर्षों के प्रथम अन्तर्मुहूर्त में आयु बंध योग्य होता है। शेष तीन वर्षों में भी दो त्रिभाग बीत जाने पर और एक त्रिभाग अर्थात आयु में एक वर्ष शेष रहने पर प्रथम अन्तर्मुहूर्त आयुबंध योग्य काल होता है। शेष १ वर्ष के दो त्रिभाग (८माह) बीतने पर तथा आयु के ४ मास शेष रहने पर पुन: आयु बंध योग्य होता है। इसी प्रकार आगे भी शेष एक त्रिभाग का प्रथम अन्तर्मुहूर्त आयुबन्ध योग्य काल होता है । ऐसे कुल ८ अवसर (अपकर्ष) ही होते हैं। __कोई जीव आठों अपकर्षों में आयुबंध करते हैं । कोई ७ अपकर्षों में आयु बंध करते हैं । इस तरह चलते-२ कोई दो अपकर्षों में तथा कोई मात्र एक अपकर्ष में ही आयुबंध करते हैं । कोई एक भी अपकर्ष में आयुबंध नहीं कर पाते तो फिर ऐसे जीव मरण के असंक्षेपाद्धा काल पूर्व आयुबंध अवश्य करते हैं । इस प्रकार एक पर्याय में एक जीव ८ बार आयु का बंध (अधिकतम ८ बार) कर सकता है । पर भिन्न-२ आयु का नहीं, बल्कि एक बार जहाँ आयु बंधी वहाँ-२ ही ८ बार बंधती है, ऐसा जानना चाहिए।
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