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________________ २.१० आनन्द प्रवचन | पांचवां भाग 1 साधनों से लाभ उठाने की विशेष आकांक्षा ही नहीं है तथा जन्म-मरण के इन भयानक कष्टों से मुक्त होने के लिये छटपटाहट या तीव्र अकुलाहट नहीं है । जिस 'व्यक्ति की आत्मा में संसार मुक्त होने को बलवती कामना होती है, उसे कितनी 'अधीरता, व्यग्रता और अपने दोषों के लिये दुःख होता है यह एक सुन्दर पद से आप 'जान सकेंगे । पद के रचयिता की भावनाओं में कितनी अकुलाहट है और किस प्रकार उसके मानस में मंथन होता है यह उसी के शब्दों में सुनिये कि वह क्या कहता है ? वह कहता है अब मैं कौन उपाय करू । जिहि विधि मन को संशय चूके, नम पाय कुछ भलो न कीन्हों, मन वच क्रम हरि गुन नहि गाए, गुरु मति सुनि कछु ज्ञान न उपज्यो, कहु नानक प्रभु विरद 1 पिछान, भवनिधि पार परु । तातें अधिक ड डरू ॥ जय सोच धरू । यह जिय पशु जिम सोच भरू । तब से पतित तरू । अब मैं कौन उपाय करू ? बंधुओ ! यह पद्य सुनकर आप समझे होंगे कि संसार के दुखों से मुक्ति प्राप्त करने की चाह रखने वाले में कितनी व्यग्रता होती है ? Jain Education International TTC वह घबराया हुआ कहता है — “अब मैं क्या करू ? कौन सा उपाय खोज् जिससे मन के सम्पूर्ण संशय मिट जाये और मेरे मन में ऐसी दृढ़ता आ जाय कि मैं संसार-सागर को पार करने में समर्थ हो सकू ।" NEVE वह कह रहा है—'यह उत्तम और सामर्थ्य पूर्ण मानव-जन्म पाकर भी मैंने किसी का भला नहीं किया और नही ही शुभ कर्मों का उपार्जन ही किया है । इसीलिये मन, वचन और कर्म इन तीनों में से किसी के उपासना और भक्ति नहीं की और न ही सच्चे दिल अतः यही सोच मुझे खाये जा रहा है कि अब मेरा मैं बहुत डर रहा हूँ । सोचता हूँ ● द्वारा भी मैंने भगवान की पूजा, सेि उनको समरूप ही किया है, क्या होगा ?" ! 63 3 भक्त आगे भी विचार रहा है- "मैंने गुरुओं के द्वारा खूब धर्मोपदेश सुनाः । संत-महात्माओं की संगति भी की । किन्तु मेरे अन्तर में तो सम्यक् ज्ञान की एक किरण भी प्रकाशित नहीं हो पाई । निरा पशु ही मैं रहा हूँ। ऐसी हालत में हे "प्रभो ! अब मेरा कल्याण कैसे होगा अब तो आपकी ही कृपा हो तो मैं आपको For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004008
Book TitleAnand Pravachan Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnand Rushi, Kamla Jain
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1975
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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