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मेरी जीवनगाथा
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दस दिनमें रीवाँ पहुँच गये। यहाँ पर श्रीशान्तिनाथ स्वामीकी मूर्ति दर्शनीय है। यहाँसे चलकर तीन दिनमें सतना पहुंचे। यहाँ पर श्रीमान् धर्मदासजीके आग्रह विशेषसे चार दिन रहना पड़ा। आपने एक हजार एक रुपया यह कह कर दिया कि आपकी जहाँ इच्छा हो वहाँके लिये दे देना । यहाँ से चलकर पड़रिया आये। यहाँ पर चार दिन ठहरे। पश्चात् यहाँसे चलकर पन्ना आ गये। तीन दिन रहे। यहाँसे चन्दननगर आये। यहाँपर पानीका प्रकोप रहा, अतः बड़ी कठिनतासे खजराहा पहुँचे। यह अतिशय क्षेत्र प्राचीन एवं कलापूर्ण मन्दिरोंके समुदायसे प्रसिद्ध है। यहाँ शान्तिनाथ स्वामीकी मूर्ति बहुत ही मनोज्ञ है, बीस फुटसे कम न होगी। यहाँके विषयमें पहले लिख चुके हैं।
यहाँसे चलकर चार दिन बाद छतरपुर आ गये। यहाँ पर संस्कृत जैन साहित्य भण्डार और प्राचीन प्रतिमाएँ बहुत हैं, परन्तु वर्तमानमें उनकी व्यवस्था सुन्दर नहीं। यहाँ पर चौधरी हीरालालजी राजमान्य हैं, प्रतिष्ठित भी हैं तथा समाजमें उनका आदर भी है। उनका लक्ष्य क्या है वे जानें, परन्तु वह पुरुषार्थ करें तो इस प्रान्तका बहुत कुछ सुधार हो सकता है। यहाँसे कई मंजल तयकर देवरान पहुंचे। यहाँ पर लम्पू सिंघई बड़े सज्जन हैं। आतिथ्य सत्कार अच्छा किया। प्रायः उनके यहाँ दो या चार जैनी आतेही रहते हैं। व्यवहारपटु भी हैं। हमें आशा थी कि द्रोणगिरि पाठशालाको विशेष सहायता करेंगें, परन्तु कुछ भी न किया। विद्याका रसिक होना कठिन है। यहाँसे चलकर मलहरा आये। यहाँपर वृन्दावन सिंघई अत्यन्त उदार और कुशल व्यापारी हैं। बड़े आदरसे रक्खा । एक दिन मोदी बालचन्द्रजीने भी रक्खा । यहाँ पर स. सिं. सोनेलालजी वैद्य वैद्यक और शिष्टाचारमें निपुण हैं। यहाँसे चार मील श्रीद्रोणागिरि सिद्धक्षेत्र है, वहाँ पहुँच गये। मेलाका अवसर था, इससे भीड़ प्रायः अच्छी थी। गुरुदत्त पाठशालाका उत्सव हुआ। सिंघईजी सभापति हुए। मन्त्री मलैया बालचन्द्रजी बी.एस.सी. ने बहुत ही मार्मिक व्याख्यान दिया। उसे श्रवण कर दस हजार एक रुपया सिंघई वृन्दावनने, ५००१) सिंघई कुन्दलनलालजीने और ३००) के अन्दाज अन्य लोगोंने चन्दा दिया। १०००) स्वयं मलैया बालचन्द्रजीने भी दिये। मेला सानन्द हुआ। इसके बाद आगन्तुक महाशय तो चले गये। हमने सानन्द क्षेत्रकी वन्दना की। क्षेत्र बड़ा ही निर्मल और रम्य है। पहाड़से नीचेकी ओर देखने पर शिखरजीका दृश्य आँखोंके सम्मुख आ जाता है। पर्वतके सामने एक विपुल नदी बह रही है तो एक पूर्वकी ओर भी बह रही है। दक्षिणकी ओर एक
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