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________________ 148 मेरी जीवनगाथा गया और लोटा लेकर बाईजीके पास आ गया। बाईजी कहती हैं- 'बेटा ! क्या हुआ ?' मैं कुछ भी न बोल सका, किन्तु रोने लगा। इतनेमें एक बालक आया उसने सब वृत्तान्त सुना दिया । बाईजीने कहा- 'अब क्यों रोते हो ? जो भवितव्य था वह हुआ। अनधिकार कार्य करनेपर यही होता है अब उठो और सायंकालका भोजन करो।' मैंने कहा- 'आज भोजन न करूँगा ।' बाईजी बोली- 'क्या इससे उस अपराधका प्रतीकार हो जावेगा ?' मैं कुछ उत्तर न दे सका। केवल अपनी भूलपर पश्चात्ताप करता रहा । जिस बालककी आँख में चोट लगी थी उसकी माँ बहुत ही उग्र प्रकृतिकी थी, अतः निरन्तर यह भय रहने लगा कि जब वह मिलेगी तब पचासों गालियाँ देगी । इसी भयसे मैं घरसे बाहर नहीं निकलता था । सूर्योदयके पहले ही श्री मन्दिरजीमें जाता था और दर्शनादि कर शीघ्र ही वापिस आ जाता था । एक दिन कुछ विलम्बसे मन्दिर जा रहा था, अतः बालककी माँ मार्गमें मिल गई और उसने मेरे पैर पड़े। मैं उसे देखकर ही डर गया था और मनमें सोचने लगा था कि हे भगवन् ! अब क्या होगा ? इतनेमें वह बोली कि आपने मेरे बालकका महोपकार किया। मैंने कहा - 'सत्य कहिये, बालककी आँख तो नहीं फूट गई ?' उसने कहा- 'आँख तो नहीं फूटी, परन्तु उसका अंखसूर, जो कि अनेक औषधियाँ करने पर भी अच्छा न होता था, खून निकल जानेसे एकदम अच्छा हो गया । आप निश्चिन्त रहिये, भय न करिये, आपको गालीके बदले धन्यवाद देती हूँ । परन्तु एक बात कहती हूँ वह यह कि आपका दण्डाघात घुणाक्षरन्यायसे औषधिका काम कर गया सो ठीक है, परन्तु आइन्दह ऐसी क्रिया न करना ।' मैं मन ही मन विचारने लगा कि उदय बड़ी वस्तु है, अन्यथा ऐसी घटना कैसे हो सकती है। शंकित संसार कुछ दिन बरुआसागर रह कर हम और बाईजी सागर चले गये और सागर विद्यालयके लिये द्रव्य संग्रहका यत्न करने लगे । भाग्यवश यहाँपर भी एक दुर्घटना हो गई। मेरे खानेमें जो शाक व फल आते थे, मैं स्वयं जाकर उन्हें चुन-चुनकर लाता था। एक दिनकी बात है कि नसीवन कूंजड़ीकी दुकानपर एक महाशय छीताफल (शरीफा) खरीद रहे थे। शरीफा दो इतने बड़े थे कि उनका वजन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004000
Book TitleMeri Jivan Gatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshprasad Varni
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year2006
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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