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देवीदास-विलास
पिंगला-एक निधिका नाम(चक्र. २०१२) प्रजली- प्रज्ज्वलित करना (पद्म. २३) पिंड- समूह (वीत. ६।१)
प्रत– प्रतिबिम्ब (श्रेयांस. २) पिछानी- पहचानना (वीत. २३।४) प्रतग्या- प्रतिज्ञा (तीनमूढ़. १५।१) पिन- सम्बद्ध; जकड़ा हुआ (जोग. ४।५) प्रतछ- प्रत्यक्ष (बुद्धि. २४।२) पिरे-पेलना; प्रेरित करना, (मारीच. १८१८) प्रतछन- प्रतिक्षण (बुद्धि. ५।४) पीट-पीटना (वीत. ४।२)
प्रतिहार्ज– प्रतिहार्य (दरसन. २९।२) पीठौ- पीठ देना (पद. २०१५) प्रदाय- देना (महावीर. १२) पीत- पीले रंग का (तीन मूढ. १६।१) प्रभावती- प्रभावती रानी (मल्लि. ३८) पीरौ- पीला (अभि. ८)
प्रमन्त- महान; बलशाली (संभव. ६६) पुतरी- पुतली (पुकार. ११।३) प्रमाद- आलस (तीनमूढ़. ३३।६) पुर- नगर (चक्र. २।१)
प्रवचनसार- प्रवचनसार नामका ग्रन्थ पुरस- उत्तम (अजित. १९)
(वीत. २५।४) पुरातम- प्राचीनतम (जिनवन्दना २१।३) प्रवर्त- कार्य में लगना (वीत. ३।३) पुरिया- पुड़ी (श्रेयांस. १७) प्रवर्त्तत- होना (वीत. ११।२) पुरिस- पुरुष (जीव चतु. २५।१) प्रसांग- प्रासुक; ताजा (पद्म. ३) पुरैन- कमलपत्र (वीत. २४।३) । प्रहारी- प्रहार करनेवाला (दरसन. ९।४) पुलासी- पुलकित होना (वीत. १२।३) प्रातिति- प्रतीति (दरसन. १५।३). पुलीठो- प्रफुल्लित (पद. २०।३) प्रापति- उपलब्धि (दरसन. १५।२ बुद्धि. पेखौ- देखना (तीनमूढ़. १७।२)
२८।४) पेड़ा- एक मिष्ठान (श्रेयांस. १३) प्रापु– प्राप्त (अनन्त. ४६) पेराख– पेठापाक (मिठाई) (श्रेयांस. १३) प्रियंगु- प्रियंगु वृक्ष (सुमति. ५४) पैठो- प्रेवेश किया (वीत. १८।२) प्रियमित्र- प्रियमित्र नामका राजा (शान्ति. पै- पर (वीत. २३।३) पोई- पिरोकर, गूंथकर (राग. २२१५) प्रीतम- प्रियतम; पति (धर्म. १४।२) पोखै- पालना; पोसना (पद. २१।२) । प्रोहित- पुरोहित् (चक्र. २९।२) पोटी- पोटली (बुद्धि. ३५।२)
फटा- फटना; छेद (बुद्धि. ४९।२) पोत- जहाज (बुद्धि. ४१।३) फटिक- स्फटिक (पुष्प. २) पोरस- पौरुष (विवेक. २।२) फदातें- फाँदना (पद. ९) पोरिस- पौरुष (हितो. १०।४) फदीत- फजीहत; (उपदेश. ११।२) पौन- पवन (परमा. २।२) फरस- स्पर्श (पद. २५) प्रकतै- प्रकृति से (बुद्धि. १९।१) फासे- ताजे (पुष्प. ३०) प्रज्ञप्ति- प्रज्ञप्ति नामकी यक्षिणी (संभव. फिराद- फरियाद (पुकार. १८।३)
६३) फूल- पुष्प (पंचवरन. ४।२)
६२)
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