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देवीदास-विलास डेर- देर (पुकार. २२।१) तिसौंरी- तिसौरी नामक जीव (जोग. डेरा-ठिकाना; पड़ाव (तीनमूढ़. ३५।१)
१९१२) ढरक- ढंडकना; लुढ़कना (राग. १३।३) तीत- विरक्त (वीत. २४।२) । ढाल- एक प्रकार का राग या छन्द (धर्म. तुंवर- तुम्बर नामका यक्ष (सुमति. ६८)
१।१) तुम्हसी- तुम्हारे जैसी (पुकार. २३।२) ढिग- पास; निकट (बुद्धि. १०॥३) तसार- हिम; पाला (पंचवरन. ६।१) ढेट- दोष पूर्ण (पार्श्व. ४२) तूप- घी (वीत. २४।३) ढेर-देर (राग. ८1१)
तेलु- तेल (परमा. २४।१) णेत- रेशमी वस्त्र (चक्र. १९।२)
तेव- क्रोध दृष्टि (पदि.) तक्कवाद- तर्कवाद (परमा. २०११) तोय- जल (वासु. ३) तज- तजना; त्याग (बुद्धि. ८।१)
तौल-माप-तौलना-मापना (राग. ११।६) तत- तत्व (सप्त. ६।३)
त्रास-दुख (पद. ७।५) ततच्छ- शीघ्र (मारीच. ४।६)
त्रिजंच- तिर्यश्च जीव (धर्म. १८।२) ततछन- तत्क्षण; (सप्त. ७।३)
त्रिभुवन तीनों लोक (पंच. १।२) तनमा- शरीर में (बुद्धि. ९।४)
त्रिमुख–त्रिमुख नामका यक्ष (संभव.६३) तप्यौ- तपना (संभव. ८) तपन- गर्मी, तपस्या की तपन(वीत.६।२)
थान- स्थान (जिनांत. ६।१)
थापना- स्थापना (आदि. ३६) तमोर- सूर्य; तमोलवृक्ष (मल्लि. ४१)
थावर-स्थावर जीव (पंच. १८।४) तरसी- तरसना (वीत. ८।३)
थिति- पृथिवी; स्थिति (पंच. १८।४) तवेर- सुबह (पाश्र्व. १२) तसकर- चोर. ठग (राग. ९।३)
थूल- स्थूल; मोटा (विवेक. ३०।२) तहतीक- तीक्ष्णता से तह तक पहुँचना
थेवा-धातु का पत्तर जिस पर मुहर खोदी (द्वादश. २७।२)
जाती है (पद. २१४) ताखा- देखा (राग. ४।८)
थेवा- स्थान (पद. २।४) ताल- तालाब (बुद्धि. ४।४)
द्वारावती- द्वारिका नगरी (नेमि. ४९) तिकत- तीता (पद. १०६८)
दंड- डंडा (पंचवरन. ३।१) तिणही- उन्हीं से (राग. १९।५)
दगत- दागना (वीत. १९।४) तिन्दुक-तिन्दुक वृक्ष (श्रेयांस. ५३) दछन-दर्शन (बुद्धि. ५।३) तिनिकी- तिनकी, उनकी (जिनवन्दना. दधि- दधि वृक्ष (धर्मनाथ. ६२)
४४) दमी- दमन करने वाला (दरसन. ९।३) तिल-तिल नामक खाद्य पदार्थ (परमा. दरपन- दर्पण (राग. ४।८)
२४११) दरमादिक- अनार आदिफल (धर्मनाथ. तिलटी- तिलटी नामका जीव (जोग.
१९।२) दरव- द्रव्य (परमा. ३०।१)
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