________________
प्रधान सम्पादकीय
इसके प्रकाशन में यद्यपि कुछ विलम्ब हो गया है, फिर भी यह सन्तोष का विषय है कि संस्थान के पदाधिकारियों, विशेष कर प्रो. डॉ. अशोककुमार जैन (उपाध्यक्ष), प्रो. डॉ. सुदर्शनलाल जैन (प्रभारी-मन्त्री) तथा डॉ. सुरेशचन्द्र जैन (संयुक्त मन्त्री) आदि के विशेष सहयोग से इसका सुन्दर प्रकाशन सम्भव हो सका। इसके लिए हम उनकी सादर सराहना करते हैं तथा विश्वास करते हैं कि आगे भी संस्थान के सभी कार्यों में इसी प्रकार के उदार सक्रिय सहयोग मिलते रहेंगे।
श्री गणेश वर्णी दि. जैन संस्थान नरिया, वाराणसी श्रुतपञ्चमी, १६ जून, १९९४
प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन प्रो. उदयचन्द्र जैन
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org