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(३४)
राग-विहागरो नेमि बिन न रहै मेरा जियरा ॥ टेक ॥ हेकरी हेली तपत उर कैसो, लावत क्यों निज हाथ न नियरा । नेमि. ॥१॥ करि करि दूर कपूर कमल दल, लगत करूर कलाधर सियरा ॥ नेमि. . ॥ २ ॥ 'भूधर' के प्रभु नेमि पिया बिन, शीतल होय न राजुल हियरा ॥ नेमि. ॥ ३ ॥
(३५)
राग-ख्याल माँ विलंब न लाव पठाव तहाँरी, अँह जगपति पिय प्यारो ॥ टेक ॥
और न मोहि सुहाय कछु अब, दीसै२ जगत अंधारों री ॥ माविलंब ॥ १ ॥ मैं श्री नेमिदिवाकर३ को कब, देखों वदन उजारो । बिन देखें मुरझाय रह्यो है, उरवाकर अरविंद हमारो री। मा विलंब ॥ २ ॥ तन छाया ज्यों संग रहौंगी, वे छांडहिं५ तो छारो । बिन अपराध दंड मोहि दीनो, कहा चलै मेरो चारो६ ॥ मा विलंब०॥ ३ ॥ इह विधि राग उदय राजुल नैं, सह्यो विरह दुख भारो । पीछे ज्ञानभान बल विनश्यो, मोह महातम कागे री। मा विलंब०॥ ४ ॥ पिय के पैंडे८ पैंडो कीनों, देखि अधिर जग सारो । 'भूधर' के प्रभु नेमि पिया सौं, पाल्यौ नेह करारो री ॥ मा विलंब० ॥ ५ ॥
(३६)
राग-ख्याल देख्यों री! कहीं नेमिकुमार ॥टेक ॥
नैननि प्यारो नाम हमारो, प्रानजीवन प्रानन आधार ॥ देख्यो.॥ १॥ . पीव विथा बहु पीकी पीरी भई हल्दी२९ उनहार । होऊ हरीर तबही जब भेदौं, श्यामवरन सुंदर भरतार ॥ देख्यो. ॥ २ ॥ विरह नदी असरोल२३ वहै उर, बूढ़त हौं वामै२४ निरधार । 'भूधर' प्रभु पिय खेवटिया विन, समरथ कौन उतारनहार ॥ देख्यो. ॥ ३ ॥ १. जिय (हृदय) २. देख ३. सखी ४. कड़वा ५. चन्द्रमा ६. शीतल ७. हिय (हृदय) ८. राजुल की मां ९. लाओ १०. भेजो ११. वहां १२. दिखता है १३. नेमिरूपी सूर्य १४. हृदय रूपी कमल १५. वे छोड़े तो छोड़ दें १६. वस १७. बहुत अधिक १८. कदमों पर १९. प्रिय व्यथा २०. पीली पीली २१. हल्दी की तरह २२. प्रसन्न २३. लगातार २४. उसमें।
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