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दानवीरका स्वर्गवास ।
[ ७६७
२००० )
१९६२ १९६२ जबलपुर बोर्डिंग
४०००)
१९६२
उदयपुर पाठशाला
६०००)
१९६४
शिखरजी रक्षाफंड
१००००)
१९६४
सुरतमें फुलकौर कन्याशाला
५०००)
१९६४ सं. १९७० तक दि० जैन डायरेक्टरी बनना १५००० )
१९६५
हुबली बोर्डिंग
१९६५
आगरा बोर्डिंग के लिये जमीन
१९६५
१९६५
१९६५
१९६८
१९५९
१९७०
काशी स्याद्वाद पाठशाला
१०००)
४०००)
बम्बई श्राविकाश्रम
२०००)
कोल्हापुर चतुरबाई लैक्चर हॉल
४०००)
द. महाराष्ट्र जैन सभाको जिन्दगीका बीमा १००००)
रतलाम बोर्डिंग
५५०००)
१५०००
२५०००० )
अनुमान
जोड़ ६९४१००)
सेठजी वास्तव में दिगम्बर जैन कौममें एक राजा के समान थे । आपके स्वर्गवासकी खबर सारे भारत में पहुंच गई। जगह २ शोक मनाया गया व सभाएँ हुई ।
ता० १९ जुलाई रविवारको दिनके १ बजे हीराबाग लेक्चर हॉल में एक बड़ी भारी सभा हुई बम्बई में शोक सभा । जिसमें दिगम्बरी जैनी भाइयों के सिवाय श्वेताम्बरी जैनी तथा वैष्णव भी पधारे थे ।
अहमदाबाद देशी दवाखाना
जुबेलीबागका बृहत दान
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