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महती जातिसेवा तृतीय भाग। [७३२ कमेटी बनी । इस सभामें सेठ हुकमचंदनी सभापति हुए थे जिनके नियत होनेके प्रस्तावका समर्थन दानवीर सेठजीने किया था। सेठ माणिकचंदनीकी ओर विशेष लक्ष्य होनेसे उसीके अनुसार ही हाई स्कूल खोलनेका दृढ़ विचार हो गया। यह दान व ऐसा विचारे यह सब सेठजीकी दानवीरताका अनुकरण है। ___ सेठ माणिकचंदजी जिस काम में रुपया लगाते थे उस कामको
इतना पक्का कर देते थे कि उस कार्यकी सेठजीके कार्योकी नींव कभी भी न बिगड़े। आपने बम्बई, दृढ़ता। अहमदाबाद, रतलाम बोर्डिग व हीराबाग
धर्मशालाके फंडोंको एक रजिष्टरी हुई ट्रष्ट कमेटीके सुपुर्द कर दिया था कि जिसमें कोई भी उस रकमको सिवाय उस निपत कामके और किसी काममें कोई खर्च न कर सके व यदि कभी किसी दृष्टीकी नियत खराब हो तो वह सर्कार द्वारा भी दंडित हो सके। कोल्हापुर बोर्डिमके लिये राजा साहबसे जमीन मुफ्त लेनमें
व इमारत बांधनेमें सेठजीने बहुत परिश्रम कोल्हापुर बोर्डिगकी उठाया था। आपने ता. १४ जुलाई १९१३ ___ ट्रष्ट डीड। के रोज ५ टूटी नियत कर कोल्हापुर
बोर्डिंगकी ट्रष्ट डीड रजिष्टरी कराके बोर्डिंगकी जमीन व इमारतकी अनुमान ५००००) की मिलकियत उनके सुपुर्द कर दी । ५ ष्टी ये हुए-(१) स्वयं सेठजी (२) आप्पा साहब देसाई परगणेतेर दाल ठाणे हनगंडी (३) चौगले वकील (४) रा. रा. लढे एम. ए. (५) भूपाल आप्पाजी जिरगे कोल्हापुर ।
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